ई-कॉमर्स क्या हैं और इसके क्या लाभ हैं? | What are e-commerce and what are its benefits?

What are e-commerce and what are its benefits?
ई कॉमर्स क्या है इसके लाभ

ई-कॉमर्स क्या है? (What is e-commerce?)

ई-कॉमर्स में 'ई' शब्द इलेक्ट्रॉनिक का संक्षिप्त रूप है तथा 'कॉमर्स' का अर्थ व्यापारिक लेन-देनों से है। अतः ई कॉमर्स से आशय ऐसे सौदों से है जिसके अंतर्गत विक्रेता और क्रेता बिना कागजों की अदला बदली किए अथवा बिना एक दूसरे से मिले इंटरनेट के माध्यम से लेनदेन करते हैं। इस प्रकार के कारोबार के लिए विश्व भर में कम्प्यूटरों का विशेष नेटवर्क कार्य कर रहा है। इसे “ऑनलाइन बिजनेस" भी कहा जाता है।

ई-कॉमर्स एक तरह का व्यवसाय या व्यापारिक वातावरण है जिसमें वस्तुओं की खरीद, बिक्री और उनके आवागमन की सारी सूचनाएं और सुविधाएं उपलब्ध रहती है। इसमें खरीदारी की भौतिक उपस्थिति आवश्यक नहीं होती। ई-कॉमर्स में अन्य दूसरी तरह की तकनीक भी शामिल रहती है जिसके प्रयोग से कंपनी अपना व्यवसाय आधुनिकतम ढंग से कर सकती है। संक्षेप में, “दो या दो से अधिक पक्षों के मध्य वस्तुओं तथा सेवाओं का इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से संव्यवहार या विनिमय ई कॉमर्स है


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ई-कॉमर्स के प्रकार 

  • बिजनेस टू बिजनेस ई-कॉमर्स (बी2बी ई-कॉमर्स)
  • बिजनेस टू कंज्यूमर ई कॉमर्स (बी2सी ई कॉमर्स)
  • कंज्यूमर टू बिजनेस ई कॉमर्स (C2B ई कॉमर्स)
  • उपभोक्ता से उपभोक्ता ईकॉमर्स (C2C ई-कॉमर्स)
  • बिजनेस टू गवर्नमेंट (बी2जी)
  • सरकार के लिए उपभोक्ता (C2G)


ई-कॉमर्स का प्रारंभ व कार्य प्रणाली-


वर्ष 1970 में कुछ कंपनियों ने अपने निजी नेटवर्कों के माध्यम से अपने व्यापारिक सहयोगियों व अन्य संबंधित कंपनियों को भी सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु जोड़ा यह प्रचलन बाद में इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज (EDI)" के रूप में विकसित हुआ। इस प्रचलन ने आशातीत सफलता प्राप्त . यही ई-कॉमर्स की शुरुआत थी।


ई-कॉमर्स की कार्य प्रणाली सरल व सुगम है। इसका मुख्य आधार "इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज" (EDI) है जिसके अंतर्गत आंकड़ों व सूचनाओं को स्थानांतरित करने की सुविधा होती है। इसके अंतर्गत ग्राहक वेबसाइट पर उपलब्ध सामान को पसंद करके क्रय करता है तो उसे भुगतान हेतु कम्प्यूटर पर उपलब्ध एक फार्म भरना होता है। इस फार्म में भुगतान संबंधी सूचनायें यथा क्रेडिट कार्ड नम्बर देय राशि आदि अंकित करना होता है। फार्म भरते ही ग्राहक के खाते से धनराशि निकलकर विक्रेता के खाते में स्थानांतरित हो जाती है।


किसी ई-कॉमर्स निकाय में किसी कंपनी के व्यापार में होने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं की भी एकता, कम्युनिकेशन व उनको लागू करने के तरीके महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

इनको सफलतापूर्वक लागू करने के लिए दो महत्वपूर्ण तकनीकें प्रयोग की जाती हैं।


1. इलेक्ट्रॉनिक डाटा इन्टरचेन्ज (EDI) 

2. एप्लीकेशन लिंक इनेबिलिंग (ALE)


EDI तकनीक का प्रयोग ATM, एयरलाईन्स आरक्षण सिस्टम, कार आरक्षण सिस्टम, शेयर संबंधी सिस्टम आदि के क्षेत्रों में हो रहा है।

वहीं ALE तकनीक का प्रयोग कंपनी की विभिन्न वितरित व्यापारिक प्रक्रियाओं को जोड़ने के लिए किया जाता है।


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ई-कॉमर्स के लाभ (BENEFITS OF E-COMMERCE)


ई-कॉमर्स की इस नई तकनीक से न केवल व्यापारिक कंपनियां, अपितु ग्राहक तथा संपूर्ण समाज लाभान्वित हुए हैं। ई-कॉमर्स की कार्य प्रणाली इतनी सरल व सुगम है कि इसका प्रयोग न केवल व्यावसायिक क्षेत्र में लोकप्रिय होता जा रहा है, वरन् जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इसका प्रयोग दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।


1. उत्पादक क्षमता में वृद्धि -


ई-कॉमर्स से व्यवसाय के लेन-देन में लगने वाले समय तथा मानवीय गलतियों जैसे रिकार्डों का एप्लीकेशन आदि में दोबारा एंट्री न होने से कमी आती है। कार्य की गति व निश्चितता में वृद्धि होती है। इन सबके परिणामस्वरूप उत्पादक क्षमता में वृद्धि होती है।


2. लागत में बचत -


शोध के अनुसार इन्टरनेट पर व्यापार करने से कुल बिक्री में 5% से 10% तक लागत में बचत होती है। लागत में कमी प्रभावशाली संप्रेषण तथा बाजार के नवीनतम अध्ययन से आती है। यह सब ई-कॉमर्स के माध्यम से ही संभव है।


3.अच्छी उपभोक्ता सुविधाएँ - 


ई-कॉमर्स के माध्यम से व्यापारी व उपभोक्ता के मध्य प्रभावशाली आदान-प्रदान बना रहता है। इससे उपभोक्ताओं को आवश्यकता अनुरूप बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं।


4. नए व्यवसाय के अवसर -


ई-कॉमर्स के माध्यम से विश्व के अलग-अलग उपभोक्ता व व्यापारी एक दूसरे के संपर्क में रहते हैं। उनके मध्य विचारों का विनिमय होता है जिससे व्यापार के नए अवसर निर्मित होते हैं।


5. कुल लागत में कमी -


ई-कॉमर्स ने उपभोक्ताओं और उत्पादकों में प्रभावशाली संप्रेषण निर्मित किया है। जिससे वस्तु के विज्ञापन तथा बाजार व उपभोक्ता तक पहुंचने में लगने वाले व्यय में कमी हुई है। इससे वस्तु की कुल लागत में कमी आई है।


6. उपभोक्ताओं की जरूरतों का पूर्वानुमान -


ई-कॉमर्स के माध्यम से उपभोक्ता अपने सुझाव उत्पादक को तो भेजता ही है साथ ही उत्पादक को भी उपभोक्ता की जरूरतों का पूर्वानुमान हो जाता है। जिससे उत्पादक उपभोक्ता की जरूरत को ध्यान में रखकर वस्तु निर्माण करता है।


7. नए बाजार का निर्माण व प्रवेश -


ई-कॉमर्स ने फर्मों की पहुँच को विस्तारित किया है। ई-कॉमर्स के माध्यम से व्यावसायिक फर्मे विश्व के विभिन्न भागों में ग्राहकों तक उत्पाद विक्रय करने में समर्थ है। फलतः नवीन बाजारों की स्थापना संभव हुई है। इसके अतिरिक्त व्यापार बढ़ाने के लिए नए स्वैच्छिक बाजारों में प्रवेश भी सुगमता पूर्वक किया जा सकता है।


8. गुणवत्ता में वृद्धि -


विभिन्न ग्राहकों से परामर्श कर तथा बाजार सर्वेक्षणों द्वारा नए उत्पादों व सेवाओं का विकास संभव हुआ है तथा विद्यमान उत्पादों की गुणवत्ता एवं उपयोगिता में वृद्धि हुई है।


9. समय की बचत -


ई-कॉमर्स के माध्यम से परम्परागत रीति से ऑर्डर प्राप्त करने, उसे क्रियान्वित करने तथा भुगतान आदि करने में लगने वाले समय की बचत हुई है।


10. उपरिव्यय समय एवं गल्तियों में कमी -


ई-कॉमर्स के माध्यम से उत्पाद के उपरिव्यय, समय तथा रिकार्ड आदि के प्रबंधन में होने वाली गलतियों में कमी की जा सकती हैं। 


11. आपूर्ति लागत में कमी -


व्यावसायिक फर्म को माल की आपूर्ति करने में अधिक व्यय करना नहीं पड़ता। इससे आपूर्ति लागत में कमी तो आती है साथ ही साथ विक्रेताओं को त्वरित आपूर्ति भी संभव हो पाती है।


12. विक्रय संवर्धन - 


ई-कॉमर्स को विक्रय संवर्धन के औजार के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। इसके माध्यम से मूल्य सूची तथा अन्य व्यावसायिक सूचनायें लोगों तक प्रेषित की जा सकती है। 


13. माल भंडारण के खतरे में कमी -


ई-कॉमर्स के माध्यम से माल की त्वरित आपूर्ति होने के कारण माल भण्डारण में उठने वाले खतरों में कमी आती है। फर्म को माल का भारी स्टॉक रखने की जरूरत नहीं होती है तथा इसके फलस्वरूप माल के स्टॉक में कम पूँजी अवरुद्ध करनी पड़ती है तथा माल के पुराने हो जाने की जोखिम भी कम हो जाती है।


14. ग्राहकों की संतुष्टि में वृद्धि -


ई-कॉमर्स से फर्मों तथा उपभोक्ताओं के मध्य प्रत्यक्ष संपर्क स्थापित हो जाने के कारण ग्राहकों को पूछताछ का शीघ्र उत्तर प्राप्त हो जाता है। ग्राहकों की शिकायतों के त्वरित निराकरण के माध्यम से उनकी संतुष्टि में वृद्धि करता है।"


15. सस्ती दर पर वस्तुओं की उपलब्धता - 


ई-कॉमर्स के प्रयोग से फर्म तथा ग्राहकों का प्रत्यक्ष संपर्क स्थापित होता है जिससे फर्म मध्यस्थों पर होने वाले खचों से बच जाता है। फलस्वरूप उपभोक्ताओं को वही वस्तुएँ सस्तो दर पर उपलब्ध हो जाती हैं। 


इस प्रकार स्पष्ट है कि ई-कॉमर्स ने उपभोक्ता से लेकर उत्पादक तथा छोटे व मध्यम व्यवसायी से लेकर बड़ी कंपनियों तक को बाजार में समान अवसर प्रदान किया है। ई-कॉमर्स के प्रयोग से लाभ संपूर्ण समाज को लाभ प्राप्त हो रहा है।


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