फाइलिंग का अर्थ तथा परिभाषा एवं लाभ बताइए

वर्तमान समय में व्यवसाय, व्यापार तथा वाणिज्य के विकास के साथ-साथ पत्र व्यवहार का महत्व बढ़ता जा रहा है। आज व्यापार प्रत्यक्ष नहीं रहा। वास्तव में यह व्यापार तथा लेन-देन परोक्ष हो गया है। साथ ही साथ पत्रों की संख्या में आशातीत वृद्धि हुई है। 


इस प्रकार अब व्यापारी वर्ग के लिये मौखिक याद रखना असम्भव सा हो गया है। अतएव एक सफल व्यापारी के लिये यह आवश्यक हो गया है कि समस्त व्यापारिक पत्रों को अच्छी प्रकार से सुरक्षित रखे, क्योंकि पत्र व्यवहार को व्यापार की आत्मा कहा जाता है। 


इसी पत्रों को सुरक्षित रखने की क्रिया को फाइलिंग कहा जाता है। अन्य शब्दों में, पत्रों को इस प्रकार व्यवस्थित रूप से रखना, ताकि भविष्य में किसी सन्दर्भ की आवश्यकता पड़ने पर वे सुविधा तथा शीघ्रता से प्राप्त किये जा सकें इसे फाइलिंग कहते हैं। पत्रों को सुरक्षित रखने की विधि को नस्तीकरण भी कहा जाता है। इस प्रकार फाइलिंग का महत्वपूर्ण कार्य पत्रों को केवल नत्थी करना ही नहीं वरन् उन्हें खोज निकालना भी है। 


phailing-ka-arth-tatha-paribhaasha



परिभाषा 


डॉ. टैरी के अनुसार, - फाइलिंग प्रलेखों को स्वीकृत फोल्डरो में किसी पूर्व निर्धारित व्यवस्था से ऐसे रखना है कि कोई भी कागज जब आवश्यक हो शीघ्रता तथा आसानी से ढूंढा जा सके।


"प्रो. मिल्स एवं स्टेडिंग फोर्ड के शब्दों में -  फाइलिंग वह कला है जिसके द्वारा व्यापार सम्बन्धी सभी पत्रों और उनसे सम्बन्धित सभी कागजातों को इस चतुराई से रखा जाता है कि भविष्य में काम पड़ने पर उनमें से इच्छित पत्र या प्रतिलिपि शीघ्रता से प्राप्त की जा सके।


"डॉ. जे. सी. डेनयर के अनुसार, - "फाइलिंग अभिलेखों को उचित क्रमानुसार एवं सुरक्षित रखने को वह प्रक्रिया है जिससे अभिलेखों को आवश्यकता पड़ने पर प्राप्त किया जा सके।"


उपर्युक्त परिभाषाओं के अध्ययन के आधार पर कहा जा सकता है कि फाइलिंग वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यापार से सम्बन्धित समस्त पत्रों को इस प्रकार सुरक्षित रखा जाता है कि आवश्यकता पड़ने पर उनमें से इच्छित पत्र शीघ्रता एवं सरलता से निकाला जा सके। 


न पत्रों को जिस ढंग से सुरक्षित एवं व्यवस्थित रखा जाता है उसे हो फाइलिंग व्यवस्था कहा जाता है। इसीलिये कहा जाता है कि "फाइलिंग एक प्रकार को कला है जिसके द्वारा व्यवसाय से सम्बन्धित समस्त प्राप्त पत्र एवं जाने वाले पत्रों के उत्तर इस प्रकार एक स्थान पर रखे जाते है ताकि समय पड़ने पर इच्छित पत्रों को शीघ्रता एवं सुगमता से प्राप्त किया जा सके।" यही फाइलिंग का उपयोग पाया जाता है।



फाइलिंग के उद्देश्य


व्यापार में पत्रों भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर उपयोग किये जाने से फाइल किया जाता है। वर्तमान समय व्यापार में अनेक ऐसी दशायें पायी जाती है जिनमें व्यापारियों को संकेत के लिये पत्रों की आवश्यकता पड़ती है। इसीलिये आने-जाने वाले पत्रों को व्यवस्थित ढंग से फाइल करने के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित पाये जाते हैं 


1. पत्रों को धूल-गन्दगी, चूहे, दीमक व कीड़े आदि से बचाना, फाइलिंग का प्रथम उद्देश्य माना जाता है।


2. कुटेशन को एक प्रति कार्यालय में रखी जाती है ताकि आदेश प्राप्त होने उसके अनुसार बोजक आदि बनाये जा सके।


3. प्राय: ग्राहक माल का आदेश देते समय अपने पुराने पत्रों का सन्दर्भ देते हैं। ऐसी स्थिति में आदेश की पूर्ति करने के पूर्व पुराने पत्र का देखना आवश्यक हो जाता है।



फाइलिंग की उपयोगिता आवश्यकता या लाभ


फाइलिंग एक प्रकार की कला है जिसके द्वारा व्यवसाय से सम्बन्धित समस्त प्राप्त पत्र एवं जाने वाले पत्रों के उत्तर इस प्रकार एक जगह रखे जाते हैं ताकि समय पड़ने पर इच्छित पत्रों को शीघ्रता एवं सुगमता से प्राप्त किया जा सके। इसे नस्तीकरण भी कहते हैं। फाइलिंग का महत्वपूर्ण कार्य पत्रों को केवल नत्थी करना ही नहीं वरन् उन्हें खोज निकालना भी है। फाइलिंग की उपयोगिता निम्नलिखित है


1. पत्रों की सुरक्षा -


पत्रों, प्रलेखों को फाइल करके रखने से वे पूर्णतया सुरक्षित रहते हैं, उनके खोने या चोरी होने का डर नहीं रहता है। साथ ही पत्रों को कीड़े मकोड़े, दीमक, चूहों से बचाना, हवा, धूप से रक्षा करना, अनाधिकृत व्यक्तियों से दूर रखना भी सुरक्षा के अंग है। 


2. भावी संदर्भ


व्यापारी को अपने ग्राहकों के सम्बन्ध में किसी प्रकार की सूचना प्राप्त करने के लिए पत्रों को देखने की आवश्यकता पड़ती है। अतः पत्रों का संग्रह भविष्य में पड़ने वाली आवश्यकताओं के लिए नितान्त आवश्यक है।


3. पत्रों को निकालने में सुविधा


यदि पत्रों को फाइल करके रखा जाता है तो आवश्यकता पड़ने पर उनको सुगमता एवं शीघ्रता से निकाला जा सकता है। फाइलिंग से एक लाभ यह भी होता है कि जब कभी आवश्यक हो तो पिछले पत्र संदर्भ हेतु आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं।


4. शंका समाधान


कभी व्यापारी एवं ग्राहक के बीच किसी विशेष कारण से मतभेद पैदा हो जाता है तो ऐसी परिस्थिति में एक-दूसरे को भेजे गये पत्र एवं उनकी प्रतिलिपियाँ शंका समाधान हेतु बड़ी सहायक होती हैं। पिछले पत्रों को देखकर असत्य कहने वाला पक्षकार अपनी भूल स्वयं ही सुधार लेता है।


5. न्यायालय में साक्ष्य


यदि कभी कोई अदालती कार्यवाही करनी पड़े तो आवश्यकता पड़ने पर अपनी बात के प्रमाणस्वरूप पिछला पत्र व्यवहार प्रस्तुत किया जा सकता है। फाइल किये गये प्रपत्र न्यायालय द्वारा प्रमाणित माने जाते हैं। इसीलिये उन्हें फाइल करके रखना जरूरी है। 


6. सरकार को सूचना देना


कुछ कागजातों को सरकारी आज्ञा के अनुसार संभालकर रखना पड़ता है, ताकि सरकार द्वारा समय-समय पर माँगी जाने वाली सूचना एवं विवरण सरकार को प्रदान किया जा सके। जैसे-आयकर एवं विक्रय कर की रसीदें आदि।


7. नई योजना बनाना


पिछले पत्र व्यवहार के आधार पर व्यापार सम्बन्धी पर्याप्त उपयोगी सामाग्री मिल सकती है जो अपनी भूलें सुधारने तथा व्यापार को बढ़ाने में सहायक होती है तथा जिनके आधार पर नवीन योजनाएँ बनाई जा सकती हैं। 


8. दोहराये गये ऑर्डरों को पूरा करना


प्रायः ग्राहक जो पहले भी एक बार माल खरीद चुके हैं। ऑर्डर देते समय अपने पुराने ऑर्डर का हवाला देते हैं कि माल उसी तरह भेजा जाय जिस तरह पिछली बार भेजा था। ऐसी दशा में पिछला आर्डर अपने रिकार्ड से देखकर पूरा किया जा सकता है।


9. ग्राहकों को स्मरण कराना


ग्राहक के माल के बारे में पूछताछ के पत्र आते रहते हैं और कार्यालय से उनका जवाब भी भेज दिया जाता है। जब कुछ ग्राहकों से इस पत्र व्यवहार के फलस्वरूप कोई ऑर्डर प्राप्त नहीं होता तो व्यापारी अपनी ओर से उनको पत्र भेजकर इस बात के लिये प्रेरित करता है कि वह कार्यालय को ऑर्डर अवश्य दें। इस प्रकार के फाइल किये हुए पिछले पत्र का हवाला देना होता है जिससे उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होती है।


यह भी पढ़े -

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ