भारत में जनसंख्या वृद्धि का समाधान या उपाय | Solution of population growth in india in hindi

भारत में जनसंख्या वृद्धि के समाधान


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जनसंख्या वृद्धि 


भारत में जनसंख्या वृद्धि के समाधान हेतु निम्नलिखित प्रभावशाली उपाय सफल सिद्ध हो सकते हैं - 


1. शिक्षा सुविधाओं का विस्तार -


देश में शिक्षा सुविधाओं का अधिकाधिक विस्तार करके स्त्रियों एवं पुरुषों को जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों से अवगत कराया जाना चाहिए, ताकि वे अपने परिवारों को सीमित रखने की आवश्यकता अनुभव करने लगें। पश्चिमी देशों में शिक्षा के अधिक प्रसार के फलस्वरूप जनसंख्या स्वतः नियन्त्रित हो गई है। 


ऐसा भारत में भी हो सकता है। देश में तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या और उसके दुष्परिणामों को देखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर परिवार कल्याण कार्यक्रम की शिक्षा व्यवस्था की जानी चाहिए। यदि परिवार कल्याण कार्यक्रम की शिक्षा को माध्यमिक कक्षाओं तक अनिवार्य विषय बना दिया जाए, तो जनसंख्या नियन्त्रण करने में इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा।



2. अधिक उम्र में विवाह करना - 


भारत में छोटी उम्र में विवाह करने की प्रथा को समाप्त करके अधिक उम्र अर्थात् देर से विवाह करने की भावना उत्पन्न की जानी चाहिए। लड़के की उम्र 21 तथा लड़कियों की उम्र 18 वर्ष कर दी गई हैं। इससे विवाहित स्त्री बच्चों से छुटकारा पा सकती है और इस प्रकार जन्म-दर में 35% से 50% की कमी हो जायेगी।


3. ऑपरेशन तथा गर्भपात -


जनसंख्या को नियन्त्रित करने तथा अच्छा जीवन स्तर बनाने के लिए यह आवश्यक है कि स्त्री तथा पुरुष दो बच्चों को जन्म देने के पश्चात् ऑपरेशन करा लें। स्त्रियाँ गर्भपात कराकर अनचाही सन्तान को जन्म न दें। इसके लिए भारत सरकार ने कुछ परिस्थितियों में गर्भपात को वैधानिकता प्रदान कर दी हैं।


4. परिवार कल्याण कार्यक्रम को प्रभावशाली बनाना -


जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए परिवार कल्याण कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण उपाय है। परिवार कल्याण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से प्रचार एवं प्रसार किया जाना चाहिए।


ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार कल्याण कार्यक्रम को अधिक प्रभावशाली बनाये जाने की आवश्यकता है। इसके लिए स्त्रियों एवं पुरुषों को गर्भ निरोधक के कृत्रिम साधनों की उपयोगिता एवं प्रयोग विधि की जानकारी दी जानी चाहिए। हमारे देश में निरोधक के रूप में सस्ते, सुगम तथा सुरक्षित साधनों की आवश्यकता है, जिसका प्रयोग जन सामान्य द्वारा किया जा सकें और जन्म दर कम हो सकें। इस दिशा में प्रगति जारी रखने की आवश्यकता है।


5. गर्भ निरोधक पर अनुसन्धान -


जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण हेतु गर्भ निरोधक के लिए अनुसन्धान किये जाने चाहिए। भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान में गर्भ निरोधक के अनेक नुस्खे दिये गये हैं। सरकार को चाहिए कि वह इन नुस्खों पर अनुसन्धान करायें। यदि ये प्रयोग में सफल सिद्ध हों, तो हमारा विश्वास है कि भारतीय जनता उन नुस्खों को बिना किसी हिचकिचाहट के अवश्य ही अपनायेगी और इस प्रकार जनसंख्या में तेजी से वृद्धि पर नियन्त्रण सरलता से हो जायेगा।



6. आत्म-संयम -


जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए स्त्रियों एवं पुरुषों को अपनी संभोगोच्छा पर नियन्त्रण रखना चाहिए। वे ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें, देर से विवाह करें तथा पवित्र और संयमी जीवन व्यतीत करें। 


7. प्रोत्साहन देकर - 


(अ) जो लोग गरीबी रेखा से थोड़े से नीचे अथवा थोड़े से ऊपर हैं और जिसके दो से अधिक बच्चे नहीं हैं, उन परिवारों को निम्न सुविधाएँ दी जाएँ -


(i) सरकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों की नौकरियों में प्राथमिकता


(ii) स्वरोजगार के लिए बैंकों से मामूली ब्याज पर ऋण


(ii) मकान बनाने के लिए जमीन के पट्टे देने में प्राथमिकता


(iv) चावल, गेहूँ, आटा, खाद्य तेल कपड़े और चीनी का विशेष कोटा दिया जाए


(v) नसबन्दी, आई, यू. डी., निरोध और गर्भ-निरोधक गोलियों जैसे उपायों को अपनाने वालों को एकमुश्त राशि का भुगतान। 


(ब) शेष, विशेषकर निम्न मध्यम वर्गों तथा उससे ऊपर के उन परिवारों के लिए जिनके दो से अधिक बच्चे नहीं हैं, उन्हें भी निम्न सुविधाएँ दी जाएँ -


(i) शिक्षा सुविधाओं में प्राथमिकता


(ii) अस्पताल में इलाज के लिए प्राथमिकता


(iii) निम्न आय और मध्यम आय वर्ग के फ्लैट, मकान या घर बनाने के लिए जमीन के आवण्टन में प्राथमिकता।


8. ग्रामीण विकास एवं परिवार कल्याण कार्यक्रमों में समन्वय -


वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में चलायी जा रहे ग्रामीण विकास कार्यक्रमों को परिवार कल्याण कार्यक्रमों के साथ आवश्यक रूप से जोड़ दिया जाए तथा यह नियम बना दिया जाए कि उस विकास खण्ड को अधिकाधिक आर्थिक सहायता दी जायेगी, जो परिवार कल्याण कार्यक्रमों में अधिक सहयोग देंगे।


9. देश का आर्थिक विकास -


तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या का समाधान देश का आर्थिक विकास है। इसके लिए निम्न कार्य किये जा सकते हैं -


(i) सबसे पहले हमें सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, खाद एवं उन्नत बीजों की पूर्ति, वैज्ञानिक खेती,भूमि,सुधार आदि कार्यक्रमों को लागू कर कृषि क्षेत्र की उत्पादकता में वृद्धि के प्रयास करने होंगे।


(ii) देश की उत्पादन क्षमता एवं आवश्यकता के अनुसार उपयुक्त औद्योगिक का निर्माण कर, उसे आवश्यक सुविधाएँ प्रदान कर, औद्योगिक क्षेत्र का उत्पादन बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। 


(iii) इसके अलावा परिवहन एवं संचार साधनों तथा ऊर्जा स्रोतों के विकास एवं उचित प्रयोग को भी व्यवस्था करनी होगी। विभिन्न प्रकार से योजनाबद्ध तरीके से देश के आर्थिक विकास की गति को तेज करना होगा। तभी जाकर हम बढ़ती हुई जनसंख्या की आवश्यकताओं को पूरा कर सकेंगे। चूँकि गरीबी स्वयं ही जनसंख्या वृद्धि का एक बहुत बड़ा कारण होती है। इसलिए आर्थिक विकास को सर्वोत्तम गर्भ निरोधक कहा जाता है।


10. विवाह कानून का कठोरता से पालन -


भारत सरकार ने अक्टूबर, सन् 1978 के विवाह कानून के अन्तर्गत लड़के एवं लड़कियों के लिए विवाह की आयु क्रमशः 21 एवं 18 वर्ष निर्धारित की है। इस कानून का कठोरता के साथ देश में पालन किया जाना चाहिए, विवाहों का अनिवार्य पंजीकरण होना चाहिए।


सरकार ने कानून तो बना दिया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों एवं गरीब परिवारों में लड़कियों की असुरक्षा की दृष्टि से इसे अपनाया नहीं जाता है। अतः इस कानून को प्रभावशाली बनाने की आवश्यकता है।


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