ई कॉमर्स की प्रमुख बाधाएं क्या है?

ई-कॉमर्स के विकास में बाधायें


ई-कॉमर्स भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में अभी अपनी शिशु अवस्था में हैं। भारत में इसके विकास में अनेक बाधाएँ आ रही हैं, जिसमें से प्रमुख बाधाएँ इस प्रकार हैं -



ई-कॉमर्स की प्रमुख बाधाएं क्या है



1. संचार सुविधाओं का अभाव - 


ई-कॉमर्स टेलीफोन लाइनों पर आधारित है। अभी भी अनेक ऐसे टेलीफोन की सुविधा का अभाव है। ऐसे क्षेत्रों में ई-कॉमर्स का उपयोग नहीं किया जा सकता। ई-कॉमर्स इंटरनेट के माध्यम से संचालित किया जाता है। अभी भी बड़ा भौगोलिक क्षेत्र इंटरनेट सेवा से वंचित है। 


सर्वेक्षण के अनुसार देश में लगभग 100 शहरों / कस्बों में 400000 से भी कम इंटरनेट सेवा प्रदाता केवल 25 शहरों में ही अपनी सुविधायें दे रहे हैं। इन संचार सुविधाओं के अभाव में ई-कॉमर्स का विकास बाधित हो रहा है।


2. बैंकिंग सुविधा का अभाव -


भारत में अभी भी बहुत सा क्षेत्र मौद्रिक रूप से असंगठित है। बैंकिंग सुविधा का अभाव बना हुआ है, इसके साथ ही ई-बैंकिंग के बिना ई-कॉमर्स संभव नहीं हैं। ऐसी स्थिति में ई-कॉमर्स का विकास बाधित ही होगा। 



3. निर्धनता - 


भारत एक निर्धन तथा पिछड़ा हुआ विकासशील देश है। यहाँ को जनता इतनी गरीब है कि उनकी मूलभूत आवश्यकताएँ यथा भोजन, आवास आदि पूरी नहीं हो पाती है। ऐसी स्थिति में ई-कॉमर्स तथा ई-बैंकिंग की बात करना बेईमानी ही होगी।


4. निरक्षरता - 


वर्तमान भारत में 35% लोग निरक्षर है। ई-कॉमर्स की सफलता के लिए शिक्षा तथा कम्प्यूटर का ज्ञान अनिवार्य है। अतएव शिक्षा के अभाव में ई-कॉमर्स का विकास बाधित हो रहा है।


5. धोखाधड़ी व हैकिंग - 


ई-कॉमर्स में सबसे बड़ी बाधा भुगतान संबंधी है। हालाँकि भिन्न-भिन्न प्रकार की भुगतान विधियाँ इलेक्ट्रॉनिक माध्यम पर उपलब्ध है, लेकिन धोखाधड़ी व हैकिंग से पूर्ण रूप से मुक्ति नहीं मिली हैं। "डिजीटल हस्ताक्षर की मान्यता सभी देशों में नहीं है अतः सूचनाओं की सत्यता की जाँच करना कठिन हो जाता है। उचित कानूनी ढाँचे के अभाव में इसके विकास में बाधाएँ उत्पन्न हो रही हैं।


यह भी पढ़े -


      एक टिप्पणी भेजें

      0 टिप्पणियाँ