विज्ञापन का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं एवं उद्देश्य | Meaning, Definition, Features and Purpose of Advertising

Meaning, Definition, Features and Purpose of Advertising
Meaning, Definition, Features and Purpose of Advertising

हेल्लो दोस्तों आज हम इस लेख में विज्ञापन के बारे में जानेंगे जैसे विज्ञापन का अर्थ, विज्ञापन की परिभाषा और विशेषता के साथ उद्देश्य को भी जानेंगे तो चलिए देखते हैं विज्ञापन क्या हैं।


विज्ञापन का अर्थ


विज्ञापन शब्द वि तथा ज्ञापन दो शब्दों को मिलाकर बना है। इसका आशय जानकारी देने से होता है। विज्ञापन है अन्तर्गत उन समस्त क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है जिससे उपभोक्ताओं को नवीन उत्पादित वस्तु की जानकारी होती है। आज के युग में विक्रय वृद्धि का विज्ञापन इतना शक्तिशाली माध्यम बन गया है कि इसके प्रभाव से किसी को मुक्ति नहीं मिल सकती है। इसलिए वर्तमान युग को विज्ञापन का युग कहा जाता है।


प्रो. वॉटसन के अनुसार :- "जहाँ कहाँ हम हैं विज्ञापन हमारे साथ है। वास्तव में कहने का तात्पर्य यह है कि आज के समय में शायद ही कोई ऐसी वस्तु हो जिसका विज्ञापन न किया जाता है। यहाँ तक कि शादी के लिये भी विज्ञापन दिया जाता है। इस प्रकार यह कहना गलत न होगा कि विज्ञापन आज की आवश्यकता है। 


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विज्ञापन की परिभाषा


डा. जोन्स के अनुसार:- “विज्ञापन एक यंत्र निर्मित बड़े पैमाने पर उत्पन्न की जाने वाली वस्तुओं के विक्रय की विधि है जो कि विक्रय कार्य में व्यक्तिगत विक्रेताओं के व्यक्तित्व एवं वाणी के लिये उसी प्रकार सहायक है जिस प्रकार कि एक मशीन निर्माण कार्य में कारीगर के लिये सहायक होती है।


प्रो. शेल्डन के अनुसार:- "विज्ञापन वह व्यावसायिक प्रणाली है जिसके अन्तर्गत मुद्रित शब्दों के द्वारा विक्रय वृद्धि में सहायता मिलती है, ख्याति का निर्माण होता है एवं साख बढ़ती है। 


प्रो. स्टार्च के अनुसार, "यह मुद्रित विक्रय होता है अथवा वस्तु को मुद्रित रूप से व्यक्तियों के सामने इस तरीके से प्रस्तुत करना है जिससे वे इसे खरीदने के लिये प्रेरित हो


विज्ञापन एक ऐसा उपाय है जिसके माध्यम से वस्तु या वस्तुओं के सम्बन्ध में विभिन्न जानकारी उपभोक्ताओं को दी जाती है तथा उन्हें वस्तुओं को क्रय करने के लिये प्रेरित किया जाता है। अतएव विज्ञापन के अन्तर्गत केवल विभिन्न प्रकार की जानकारी देना ही सम्मिलित नहीं होता है वरन जनता को वस्तुओं को खरीदने तथा उपभोग में लाने के लिये प्रेरित करना भी होता है। 


प्रो. सी. ए. किर्कपैट्रिक के अनुसार:- “विज्ञापन लाभ में अत्यधिक वृद्धि करने के लिये क्रेताओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जानकारी देने का सामूहिक सन्देशवाहक है।


विज्ञापन की विशेषताएं 


1. विज्ञापन के द्वारा नवीन वस्तुओं की जानकारी ग्राहकों को दी जाती है।


2. विज्ञापन वर्तमान युग की एक अनिवार्य आवश्यकता


3. इसके अनेक माध्यम पाये जाते हैं।


4. विज्ञापन लिखित, मौखिक अथवा दर्शित हो सकता है।


5. यह सदैव एक निश्चित विज्ञापक द्वारा किया जाता है।


6. इसकी पुनरावृत्ति होती है।


7. विज्ञापन द्वारा वस्तुओं की उपयोगिता का उल्लेख किया जाता है।


8. विज्ञापन के द्वारा मांग में वृद्धि होने की सम्भावना होती है। 


9. इसे प्रभावी बनाने के लिए रंगों, चित्रों तथा वाक्यों का प्रयोग किया जाता है।


विज्ञापन के उद्देश्य 


सामान्यतः विज्ञापन का उद्देश्य वस्तुओं का प्रचार करके विक्रय में वृद्धि करना होता है, परन्तु आज के वृहत पैमाने के उत्पादन वाले युग में विज्ञापन का उद्देश्य यहीं तक सीमित नहीं होता है। वस्तुओं का उत्पादन अन्य उद्देश्यों से भी किया जाता है। इस सम्बन्ध में


डा. एस. आर. डाबर का कथन हैं कि विज्ञापन का उद्देश्य उत्पादक को लाभ पहुँचाना, उपभोक्ता को शिक्षित करना, विक्रेताओं की सहायता करना, प्रतिस्पर्धा को समाप्त कर व्यापारियों को अपनी ओर आकर्षित करना तथा सबसे अधिक तो उत्पादक तथा उपभोक्ता के बीच सम्बन्ध स्थापित करना है।" 


1. विज्ञापन का प्रधान उद्देश्य किसी निर्मित वस्तु की उपभोक्ताओं को जानकारी देना तथा उन्हें आकर्षित करके मांग का सृजन या उत्पन्न करना है।


2. इसका एक अन्य उद्देश्य विक्रय में वृद्धि करके लाभ प्राप्त करना होता है। 


3. इसके द्वारा नये-नये बाजारों की खोज की जाती है तथा इनका विकास किया जाता है।


4. विज्ञापन का यह भी उद्देश्य होता है कि वस्तु की पूर्ति बराबर बनी रहे। अन्य शब्दों में विज्ञापन से माँग का पोषण होता है।


 5. इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को शिक्षित करना भी होता है। इससे उन्हें वस्तुओं की श्रेष्ठता की जानकारी होती है। 


6. इसका उद्देश्य विक्रेताओं की सहायता करना होता है। विज्ञापन माँग उत्पन्न करता है तथा ग्राहक स्वयं विक्रेता के पास जाकर वस्तु की माँग करते हैं। 


7. विज्ञापन से प्रतियोगिता अपने आप समाप्त हो जाती है, क्योंकि इसके लाभ का वर्णन होता हैं।


8. इसका ध्येय जनता को उपभोग की जाने वाली वस्तुओं के प्रति सावधान करना होता है। इससे खराब वस्तुओं का उपभोग हतोत्साहित होता है। 


9. इसका एक अन्य उद्देश्य यह भी है कि उपभोक्ताओं को रुचि के अनुसार वस्तुयें प्राप्त होती हैं। इससे उत्पादक की ख्याति में वृद्धि होती है।


10. उत्पादन तथा वितरण तथ्यों में कमी करना भी विज्ञापन का उद्देश्य होता है।


11. संस्था की प्रगति का ज्ञान जनसाधारण को देना भी इसका उद्देश्य है।


उपर्युक्त उद्देश्यों से स्पष्ट होता है कि विज्ञापन केवल उत्पादक के हितों के लिये ही नहीं किया जाता है, बल्कि जनता को सही मार्गदर्शन करने के लिये भी होता है। इसका लाभ सभी पक्षों को होता है। इस प्रकार विज्ञापन बहुमुखी एवं बहुआयामी होते हैं। 


प्रो. बेंच के अनुसार:- “विज्ञापन का उद्देश्य तथा वितरण लागत में कमी करना है।"


आशा करता हूँ आपको विज्ञापन के बारे में अच्छे से समझ आ गया होगा कि हमारे बिज़नेस के लिए एक विज्ञापन के द्वारा हम अपने बिज़नेस को एक अच्छे लेवल में पहुंचा सकते है और बिज़नेस में अच्छी खासी प्रसिद्धि प्राप्त कर सकते है, आपको पोस्ट अच्छी लगी तो जरूर Share और Comments करे।


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