जनसंख्या का महत्व | Importance of population in hindi

जनसंख्या (Population) श्रमशक्ति का स्रोत होती है जितनी अधिक जनसंख्या होगी, उतनी ही अधिक श्रमशक्ति होगी। जनसंख्या वृद्धि दर अधिक होने से सम्भाव्य श्रमशक्ति अधिक होगी। केवल श्रम द्वारा उत्पादन नहीं किया जा सकता। 


यदि उत्पादन के लिए अन्य आवश्यक संसाधन भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो, तो बड़ी श्रम शक्ति देश के लिए एक उत्पादक परिसम्पत्ति है। यदि अन्य संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है, तो यही बड़ी श्रमशक्ति तीव्र आर्थिक वृद्धि में अवरोधक होती है। 



कुछ देशों में विशेष रूप से भारत जैसे विकासशील देशों में जनसंख्या की वृद्धि दर तीव्र है और तीव्र वृद्धि दर इन देशों की आर्थिक संमृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।


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जनसंख्या (Population)

जनसंख्या का महत्व 


जनसंख्या के महत्व को निम्न बिन्दुओं के रूप में स्पष्ट किया जा सकता है -


1. प्राकृतिक संसाधनों के दोहन में सहायक -


किसी देश के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन एवं सदुपयोग उस देश की जनसंख्या के द्वारा ही किया जा सकता है। प्राकृतिक संसाधनों से अपने आप विकास नहीं होता, उनका उपयोग जनसंख्या के द्वारा ही किया जाता है।


2. देश की रक्षा - 


देश की रक्षा का कार्य भी जनसंख्या द्वारा ही किया जाता है। इस दृष्टि से भी जनसंख्या का बहुत अधिक महत्व है। 



3. विस्तृत बाजार - 


बाजार का विस्तार भी देश की जनसंख्या पर निर्भर करता है। यदि जनसंख्या अधिक है, तो बाजार विस्तृत होगा। इसके विपरीत यदि जनसंख्या सीमित या कम है जो बाजार का आकार भी सीमित होगा। इस प्रकार बाजार के लिए जनसंख्या का होना आवश्यक है।


4. अनुसंधान एवं विकास - 


जनसंख्या देश के लिए सम्पत्ति है, क्योंकि इसके द्वारा ही अनुसंधान एवं विकास कार्य कर यह बताया जाता है कि कौन-कौन से खनिज एवं अन्य पदार्थ देश में उपलब्ध हैं तथा उनका उपयोग किन-किन कार्यों के लिए किया जा सकता है।


5. श्रम विभाजन के लाभ - 


यदि जनसंख्या पर्याप्त है, तो उद्योगों में श्रम विभाजन की नीति अपनाकर लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं। 


इस प्रकार, जनसंख्या जहाँ आर्थिक विकास के लिये आवश्यक घटक है, वहीं दूसरी ओर वह दायित्व भी है।


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