अर्थशास्त्र का अर्थ
अर्थशास्त्र |
अर्थशास्त्र की शाब्दिक उत्पत्ति हिन्दी भाषा का शब्द “अर्थशास्त्र” दो शब्दों से मिलकर बना है - अर्थशास्त्र अर्थ का अभिप्राय है - 'धन', जबकि 'शास्त्र' का अर्थ है - “किसी विषय के क्रमबद्ध अध्ययन से। इस प्रकार शाब्दिक उत्पत्ति के आधार पर अर्थशास्त्र धन का विज्ञान है।”
हिन्दी भाषा का शब्द 'अर्थशास्त्र' अंग्रेजी भाषा के शब्द 'ECONOMICS' का हिन्दी अनुवाद है। 'ECONOMICS' दो शब्दों से मिलकर बना है - ECONOMY+ICS. 'ECONOMY' का अर्थ - 'मितव्ययिता'। जबकि ICS. प्रत्यय है, जो ECONOMY शब्द के बाद जुड़ा है।
‘ICS' प्रत्यय जिन शब्दों के साथ जुड़ा हुआ होता है, उसकी प्रकृति ‘विज्ञान की होती है। जैसे - Physics, Mathematics, Statistics इन सभी शब्दों के अन्त में ICS जुड़ा हुआ है और ये सभी विषय भौतिकी, गणित एवं सांख्यिकी विज्ञान हैं। इन सभी विषयों का इनमें क्रमबद्ध अध्ययन किया जाता है।
इस दृष्टि से 'Economics' का अर्थ है 'मितव्ययिता का विज्ञान अंग्रेजी भाषा के शब्द ECONOMICS की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के 'Oeconomicus' से हुई है। 'Oikonomicus' भी दो शब्दों 'Oiko' + Nemo से मिलकर बना है। Oiko का अर्थ है - घर या परिवार (Household) तथा 'Nemo' का अर्थ है - 'प्रबंध करना'।
इस प्रकार, Oeconomicus का अर्थ है - “गृह-प्रबंध विज्ञान” गृह प्रबंध विज्ञान हमें यह बतलाता है कि हम अपने सीमित साधन एवं आय से अपने परिवार की अधिकांश आवश्यकताओं को संतुष्ट करते हुए किस प्रकार अधिकतम संतुष्टि प्राप्त कर सकते हैं। आगे चलकर 'गृह-प्रबंध विज्ञान' को 'राजनीतिक अर्थव्यवस्था का नाम दिया गया।
राजनीतिक अर्थव्यवस्था के समर्थकों का विचार था कि एक घर या परिवार की आवश्यकताओं को संतुष्ट करने में जो महत्व 'धन' का है, वही महत्व 'धन' का राज्य के शासन व्यवस्था को सुव्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए भी है।
सरकार करों के माध्यम से जो आय प्राप्त करती है, उसे राज्य के लोगों की आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए किस प्रकार खर्च करे, ताकि लोगों को अधिकतम संतुष्टि मिल सके। यही राजनीतिक अर्थव्यवस्था का मूल उद्देश्य है। कौटिल्य ने भी अपने राज्य अर्थव्यवस्था का नाम अर्थशास्त्र दिया था।
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अर्थशास्त्र की परिभाषा
अर्थशास्त्र अन्य सामाजिक शास्त्रों की अपेक्षा एक नवीन विज्ञान माना जाता है। इसके अभ्युदय के संबंध में आज तक कोई निश्चित तिथि नहीं निश्चित की जा सकती है। साथ ही साथ इस संबंध में यह भी कहा जाता है कि अर्थशास्त्र की नपे तुले तथा सही शब्दों में एक सर्वमान्य परिभाषा देना कठिन कार्य है। भिन्न-भिन्न अर्थशास्त्रियों ने इसकी व्याख्या विभिन्न प्रकार से की है। वास्तव में, अर्थशास्त्र की परिभाषा के संबंध में आज भी मतभेद पाया जाता है।
प्रो. जे. कीन्स ने कहा है कि - “अर्थशास्त्र ने परिभाषाओं से अपना गला घोंट लिया है।"
श्रीमती बारबरा वूटन का कथन है कि - "जहाँ कभी भी छः अर्थशास्त्री एकत्र होते हैं, वहाँ सात मत हो जाते हैं।"
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