अर्थशास्त्र की विकास केंद्रित परिभाषा क्या है | Samuelson growth oriented definition in hindi

सैम्युलसन विकास केन्द्रित परिभाषा


आधुनिक अर्थशास्त्रियों के अनुसार, आज का युग आर्थिक विकास का युग है। इसका उद्देश्य देशों में व्याप्त गरीबी, बेरोजगारी, आय एवं धन की असमानता, कुपोषण, बीमारी, अज्ञानता, गंदगी को दूर कर लोगों के जीवन स्तर में सुधार कर उनके आर्थिक कल्याण में वृद्धि करना है। इसलिए आर्थिक विकास सभी आर्थिक नीतियों का केन्द्र बिन्दु है। इसलिए अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री प्रो. पॉल सैम्युलसन ने अर्थशास्त्र की 'विकास केन्द्रित' परिभाषा दी है।


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प्रो. पॉल सैम्युलसन

प्रो. पॉल सैम्युलसन के अनुसार, - अर्थशास्त्र इस बात का अध्ययन करता है कि व्यक्ति और समाज मुद्रा को सहायता के बिना वैकल्पिक प्रयोग वाले उत्पादन के सीमित साधनों का एक समयावधि में विभिन्न वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए किस प्रकार चुनाव करते हैं एवं उनको समाज में विभिन्न व्यक्तियों एवं समूहों में उपयोग करने के लिए वर्तमान एवं भविष्य के बीच वितरण करते हैं। यह साधनों के वितरण ढांचा में सुधार करने के लिए इसके लागत एवं लाभों का विश्लेषण करता है।


प्रश्न : अर्थशास्त्र की विकास केंद्रित परिभाषा किसकी देन है?

उत्तर : प्रो. पॉल सैम्युलसन


प्रो. सैम्युलसन की परिभाषा की विशेषताएँ 


1. चयन करने की समस्या को मान्यता - प्रो. रॉबिन्स की भाँति प्रो. सैम्युलसन भी असीमित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सीमित साधनों के प्रयोग के कारण उत्पन्न होने वाली चयन की समस्या को आर्थिक समस्या मानते हैं। सैम्युलसन ने अपनी परिभाषा में साधनों के वैकल्पिक प्रयोग को भी स्वीकार किया है।


2. उत्पादन के साथ, वितरण एवं उपभोग की समस्या को भी महत्व - प्रो. सैम्युलसन ने अपनी परिभाषा में आर्थिक विकास की समस्या को भी शामिल किया है। उन्होंने एक समयावधि में उत्पादित विभिन्न वस्तुओं को वर्तमान में आवश्यकताओं को संतुष्ट करने पर उपभोग तथा भविष्य के लिए आर्थिक विकास हेतु वितरण पर बल दिया है।


3. वस्तु विनिमय अर्थव्यवस्था - प्रो. सैम्युलसन की परिभाषा मुद्रा विनियम वाली अर्थव्यवस्था के साथ साथ वस्तु विनिमय वाली अर्थव्यवस्था में भी लागू होता है। इसका कारण यह है कि साधनों की सीमितता के कारण चयन की समस्या प्रत्येक अर्थव्यवस्था में लागू होती है। 


4. प्रावैगिक अध्ययन - प्रो. सैम्युलसन की परिभाषा प्रावैगिक है, क्योंकि बढ़ती हुई मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आज के वैज्ञानिक युग में तकनीकी प्रगति के साथ साधनों के वितरण के ढाँचे में सुधार पर बल दिया गया है। 


5. लागत लाभ विश्लेषण को महत्व - प्रो. सैम्युलसन ने विकास कार्यक्रमों एवं दिए हुए सीमित संसाधनों के प्रयोग में सुधार करने के लिए आधुनिक तकनीक लागत लाभ विश्लेषण के प्रयोग पर बल दिया है।


6. समष्टि अर्थशास्त्र के अध्ययन को महत्व - प्रो. सैम्युलसन ने आर्थिक विकास के युग में कुल उत्पादन, राष्ट्रीय आय, कुल रोजगार के अध्ययन को महत्व दिया है, क्योंकि ये तत्व एक देश के लोगों की प्रतिव्यक्ति आय को बढ़ाने एवं जीवन स्तर को ऊँचा उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार प्रो. सैम्युलसन ने समष्टि अर्थशास्त्र के अध्ययन को पर्याप्त महत्व दिया है।


7. सीमितता के साथ विकास तत्व को एक साथ जोड़ना - प्रो. सैम्युलसन ने अपनी परिभाषा में सीमित उत्पादक साधनों को विभिन्न प्रकार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इनके विकास पर बल दिया है। इस प्रकार सीमित साधन के साथ इसके विकास को जोड़ दिए जाने के कारण प्रो. सैम्युलसन की विकास केन्द्रित परिभाषा प्रो. रॉबिन्स की परिभाषा से श्रेष्ठ है।


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