कार्यालय का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं एवं उद्देश्य | Office meaning, definition, features, and purpose in hindi

आज के इस आर्टिकल में जानेंगे कि कार्यालय का अर्थ तथा परिभाषा के साथ कार्यालय की विशेषता एवं उद्देश्य को जानेंगे तो चलिए जानते हैं कार्यालय क्या है।


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कार्यालय


कार्यालय का अर्थ (Meaning of office)

कार्यालय शब्द की उत्पत्ति कार्य + आलय दो शब्दों से हुई है। कार्य का अर्थ किसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु योजना बनाने से होता है, जबकि आलय का आशय स्थान से होता है। इसीलिये कहा जाता है कि ऐसा स्थान जहाँ किसी ध्येय की पूर्ति के लिये सुनियोजित ढंग से कार्य किया जाता है उसे कार्यालय के नाम से जाना जाता है। 


अन्य शब्दों में, व्यवसाय गृह का वह स्थान जहाँ से उसके समस्त कार्य नियोजित ढंग से किये जाते हैं। कार्यालय कहा जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि कार्यालय से आशय उस स्थान से होता है जहाँ से व्यवसाय किया जाता है। किन्तु यह विचारधारा ठीक नहीं है, क्योंकि आज कल कार्यालय शब्द का उपयोग व्यापक अर्थ में किया जाने लगा है। इसमें स्थान की अपेक्षा कार्यों के संचालन को अधिक महत्व दिया जाता है। 


अतएव कार्यालय किसी स्थान विशेष सम्बन्धित नहीं किया जा सकता है। इस विचारधारा के समर्थकों में डॉ. लिटिल फील्ड एवं रोशेल लीफिंग वैल एवं राबिन्सन तथा प्रो. जार्ज देरी के नाम प्रमुख हैं। 


कार्यालय की परिभाषा (Definition of office)

डॉ. लिटिल फील्ड एवं रोशेल के अनुसार, "कार्यालय न तो कोई विशेष पद है और न ही को विशेष विभाग, यह तो सभी प्रबन्धकीय व्यक्तियों का सम्मिश्रण है जो उपयुक्त समय पर प्रभावी और निष्पक्ष निर्णय लेने के लिये सभी आवश्यक सूचनाओं तथा निपुणताओं के रूप में प्रबन्धकीय स्थिति में काम करते हैं ।

प्रो. जार्ज टैरी के शब्दों में, “कार्यालय कार्य स्वयं में अथवा स्वयं की कोई क्रिया नहीं है। यह तो प्रत्येक कार्य का हिस्सा होता है और प्रत्येक कार्य में काम में लाया जाता है। 


डॉ. लीफिंगवैल एवं राबिंसन के मतानुसार, “कार्यालय का कार्य मुख्यतः संस्था के अभिलेखों से सम्बन्धित होता है-अभिलेख तैयार करना, उन्हें काम में लाना और भविष्य के लिये सुरक्षित रखना।"

इस प्रकार उपर्युक्त परिभाषाओं के अध्ययन करने से स्पष्ट होता है कि कार्यालय प्रशासकीय प्रबन्ध की एक महत्वपूर्ण इकाई होती है जहाँ किसी संस्था के प्रबन्ध, प्रशासन, नियोजन तथा नियंत्रण को प्रभावी बनाने तथा प्रबन्धकों को उचित निर्णय लेने में समर्थ बनाने के लिये अनेक सूचनाएँ एकत्रित की जाती हैं, उनका विश्लेषण किया जाता है तथा उन्हें भविष्य के लिये सुरक्षित रखा जाता है। 


संस्था में कार्यरत व्यक्तियों के बीच पारस्परिक तथा बाह्य जगत से सम्पर्क स्थापित करने के लिये संदेश वाहन का भार भी यही वहन करती है। इसी प्रकार योजनायें बनाने और उनको लागू करने से सम्बन्धित कार्य भी यही किये जाते हैं। अत: अन्त में कहा जा सकता है कि कार्यालय व्यवसाय का नियंत्रण एवं स्मृति केन्द्र होता है।


प्रो. मिल के शब्दों में कहा जा सकता है कि, "कार्यालय संस्था के प्रबन्धकों के आँख, कान, मुँह और मस्तिष्क का कार्य करता है


कार्यालय की विशेषताएं (Office Features)


आधुनिक कार्यालय की निम्नलिखित विशेषतायें पायी जाती हैं

 

1. कार्यालय व्यवसाय का आवश्यक अंग -


आज के युग में छोटे-बड़े, व्यापारिक, सरकारी, अर्द्ध सरकारी तथा गैर सरकारी सभी प्रकार के संगठनों में कार्यालय एक आवश्यक अंग बन गया है। इसका कारण यह है कि कार्यालय योजना बनाने तथा उन्हें क्रियान्वित करने में सहायक होता है। 

यह प्रबन्धकों को भूतकाल में लिये गये निर्णयों को याद रखने में सहायक होता है। साथ ही संस्था की प्रगति का मूल्यांकन कार्यालय के माध्यम से ही किया जाता है। वास्तव में समस्त दफ्तरी कार्य कार्यालय में ही किये जाते हैं। यही इसका उपयोग है।


2. कार्यालय एक कार्य के रूप में -


प्राचीन विचारधारा के अनुसार किसी व्यवसाय की कागजी कार्यावाही को ही केन्द्र कार्यालय माना जाता था। किन्तु वर्तमान समय में स्थान के बजाय कार्य को अधिक महत्व दिया जाने लगा है। अतएव विशिष्ट कार्य चाहे वह संस्था के अन्दर किये जाय या बाहर किसी अधिकारी द्वारा किये जाय अथवा कर्मचारी द्वारा दफ्तरी कार्य कहलाता है। 


इस सम्बन्ध में एडवर्ड रोश का कथन है कि “कार्यालय को स्थान विशेष मानना भूल है। हम यह मानने को बाध्य नहीं है कि जहाँ कहीं भी विशिष्ट प्रकृति के कार्य किये जाते हैं, वही कार्यालय होता है।


3. कार्यालय का मुख्य कार्य सूचनाओं का सम्प्रेषण -


आज कार्यालय का एक प्रमुख कार्य कार्यालय के अन्दर और बाहर से सूचनाएँ इकट्ठा करके उन्हें उपयुक्त स्वरूप देकर संबन्धित अधिकारियों के पास उपयुक्त समय पर भेजना होता है ताकि वे सही निर्णय लेकर व्यावसायिक सुअवसरों का लाभ उठा सके। 


जार्ज टैरी के अनुसार, “सार रूप में सूचनाएँ एकत्रित करने, उन्हें उपयोगी बनाने, संग्रहीत करने, और उन्हें वितरित करने से संबन्धित क्रियाएँ कार्यालय कार्य होती हैं।" 


4. कार्यालय संस्था का स्मृति एव नियंत्रण केन्द्र -


व्यवसाय सम्बन्धी सभी जानकारी कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है तथा सभी सूचनाएँ, अभिलेख जो संस्था की स्थायी संपत्ति होते हैं और निर्णयों की प्रतियाँ यहाँ सुरक्षित रखी जाती है जो कभी भी संबंधित व्यक्ति द्वारा देखी जा सकती है। इसी प्रकार सम्बन्धित अधिकारी समय-समय पर प्रगति सम्बन्धित प्रतिवेदन मँगाकर प्रगति का मूल्यांकन करते हैं। इस प्रकार कार्यालय व्यवसायगृह का स्मृति एवं नियंत्रण केन्द्र के रूप में भी कार्य करता है।


5. कार्यालय का लाभों की वृद्धि में योगदान - 


द्यपि कार्यालय सेवा प्रत्यक्ष रूप से लाभोपार्जन नहीं करती, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से लाभों की वृद्धि में सहायक होती है। अत: यह सेवा भी उत्पादन विभाग और बिक्री विभाग के समान महत्वपूर्ण है, उदाहरण के लिए बिक्री में वृद्धि होने से लाभ में वृद्धि होती है, लेकिन बिक्री में वृद्धि किस प्रकार संभव हो सकती है, उन कारणों का विश्लेषण कार्यालय सेवा द्वारा ही सम्पन्न किया जाता है।


6. कार्यालय एक सेवा कार्य -


कार्यालय व्यवसाय को अपने लक्ष्य की प्राप्ति में सहायता प्रदान करता है। संस्था का कार्य निष्पादन कार्यालय की सेवाओं पर निर्भर करता है। व्यवसाय के लार्भाजन का लक्ष्य कार्यालय को कुशलता पर निर्भर करता है। 



विली तथा बेट के शब्दों में, "कार्यालय स्वयं कोई व्यवसाय नहीं है। कार्यालय तो व्यवसाय को सफल बनाने का एक माध्यम है।" अतः स्पष्ट है कि कार्यालय लक्ष्य प्राप्ति का एक उपकरण है, स्वयं साध्य नहीं।


7. कार्यालय की कार्यवाही अधिकांशतः कागजी -


कार्यालय में किया जाने वाला कार्य अधिकांशतः कागजी कार्यवाही के रूप में होता हैं। क्रय विक्रय, उत्पादन, वित्त आदि से सम्बन्धित सभी कार्य कागजों पर योजना बनाने से प्रारंभ होते हैं तथा आगे सूचनाओं के संग्रहण, विश्लेषण, सम्प्रेषण आदि के रूप में चलते रहते हैं। समस्त कार्यालय प्रणाली कागजी कार्यवाही से संचालित होती है। कागजी कार्यवाही के द्वारा ही समस्त भौतिक परिणाम प्राप्त किये जाते हैं तथा व्यवसाय चक्र गतिमान रहता है।


8. कार्यालय के कार्य की निरंतरता -


कार्यालय में की जाने वाली क्रियाएँ-पत्र व्यवहार, तथ्यों का संकलन, विश्लेषण व प्रेषण, अभिलेख, फाइलिंग आदि अविरल चलती रहती हैं। कार्य की निरंतरता कार्यालय की महत्वपूर्ण पहचान है। 


डेनायर के अनुसार, “कार्यालय वह कक्ष है जहाँ पर आदतन लिपिकीय कार्य किया जाता है।" 


9. कार्यालय में मानसिक कार्य -


कार्यालय में मानसिक कार्य करने वाले लिपिक एवं अधिकारी नियुक्त होते हैं, शारीरिक व तकनीकि कार्य करने वाले श्रमिक अथवा फोरमैन नहीं। कार्यालय कर्मचारी अधिकारियों के निर्देशन में अपने अपने विशिष्ट कार्यों में संलग्न होते हैं।


10. व्यावसायिक कुशलता का आधार -


कार्यालय के माध्यम से ही व्यवसाय की संपूर्ण क्रियाओं को नियंत्रित किया जाता है। कार्यालय द्वारा दी गई सूचनाओं के आधार पर ही प्रबन्धक आवश्यक कार्यवाहियाँ करते हैं। प्रबन्धीय कुशलता पूर्णरूप से कार्यालय के सुचारू संचालन पर निर्भर करती है।


11. बाह्य तत्वों से प्रभावित -


कार्यालय के कार्य की मात्रा बाह्य घटकों से प्रभावित होती है। ग्राहकों की संख्या विक्रय पत्रों की मात्रा, कारखाने से कर्मचारियों की संख्या उत्पादित एवं बिक्री की गई वस्तुओं की संख्या, माल की आवाजाही आदि घटक कार्यालय को नियंत्रित करते हैं।



उपर्युक्त विशेषताओं के आधार पर कहा जा सकता है कि सभी प्रकार के कार्यालयों में चाहे छोटे हो, बड़े हो, सरकारी अथवा व्यापारिक हो उनके कार्य संचालन में कार्यालय का विशेष स्थान पाया जाता है। कार्यालय की उपयोगिता इस बात से स्पष्ट हो जाती है कि व्यवसाय से सम्बन्धित सभी कागजी कार्य कार्यालय में ही किये जाते हैं। 


इसके अलावा कार्यालय योजना बनाने और कार्य रूप देने में सक्रिय सहयोग देता है। वर्तमान युग में कोई भी संस्था जो योजना रहित कार्य करती है कभी भी सपलता प्राप्त नहीं कर सकती है। इसीलिये कहा जाता है कि कार्यालय किसी भी संगठन के सभी विभागों का स्मृति एवं नियंत्रण केन्द्र होता है। यही कार्यालय की आवश्यकता का कारण होता है। 


प्रो. टैरी के शब्दों में, "कार्यालय प्रत्येक उपक्रम का जीवन स्तर है। 


कार्यालय के उद्देश्य (Office Objectives)


आज कोई भी संस्था एक कुशल कार्यालय के बिना अस्तित्व में नहीं रह सकती है। इसका कारण यह है कि सूचनाओं का संकलन, विश्लेषण व सम्प्रेषण कार्यालय की अपरिहार्य क्रियाएँ मानी जाती हैं। इसके माध्यम से एक प्रबन्धक व्यवसाय की योजनाओं का निर्माण एवं क्रियान्वयन करते हैं, विभिन्न क्रियाओं पर नियंत्रण व समन्वय स्थापित करते हैं, प्रगति का मूल्यांकन करते हैं। वस्तुतः कार्यालय के सहयोग के अभाव में व्यवसाय का संचालन कर पाना ही असंभव हो जाता है। 



विली के अनुसार, "कार्यालय का उद्देश्य व्यवसाय के विभिन्न भागों की सेवा करना है।" 


इसी प्रकार लीफिंगवैल एवं राबिन्सन कार्यालय के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए लिखते हैं कि - "कार्यालय का उद्देश्य व्यवसाय में कार्य करने वालों को दक्षतापूर्वक लिपिकीय सेवाएँ उपलब्ध कराना है।"


 संक्षेप में कार्यालय के उद्देश्य निम्नलिखित हैं -


1. व्यावसायिक क्रियाओं के सम्बन्ध में तथ्यों व सूचनाओं का संकलन व विश्लेषण करना। 


2. विभिन्न विभागों के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान करना।


3. पत्राचार के लिए उचित व्यवस्था का निर्माण करना, टंकण, फाइलिंग, प्रारूप, प्रतिवेदन, अभिलेख आदि की उचित व्यवस्था करना।


4. कार्यालय विधि, परिपाटी व सिद्धान्तों में सुधार करके कार्य सरलीकरण करना। 


5. कुशल कार्यालय पद्धति की स्थापना हेतु आवश्यक उपकरण, लेख सामग्री फार्म आदि की व्यवस्था करना।


6. कार्यालय कर्मचारियों के चयन, प्रशिक्षण, पारिश्रमिक, अभिप्रेषण आदि का समुचित प्रबन्ध करना। 


7. प्रबन्धकीय नियंत्रण में सहायता प्रदान करना।


8. कार्य मापन, व्यय नियंत्रण व कार्यालय प्रतिवेदन आदि के बारे में उचित कार्यवाही करना। 


9. लेखे, वैधानिक पुस्तकें व अन्य अभिलेखों को सुरिक्षत रखना तथा


10. जन सम्पर्क को प्रभावपूर्ण बनाना।


आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट पढ़ कर काफी अच्छा ज्ञान प्राप्त हुआ होगा आज के दौर में कार्यालय एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है इसलिए आज के युवा को पता होना चाहिए कि कार्यालय में कौन कौन से कार्य किये जाते है और यह पता होना चाहिए कि कार्यालय को चलाने के लिए किस किस उद्देश्य को पूरा करना होता है। आशा करता हूँ पोस्ट आपको काफी पसंद आयी होंगी अगर आयी हो तो जरूर दोस्तों के साथ साझा करें।


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