रोकड़ पद्धति में रखी जाने वाली आवश्यक पुस्तकों को समझाइये | Books to be kept in cash system in hindi

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रोकड़ पद्धति 

रोकड़ पद्धति में रखी जाने वाली पुस्तकें


गैर-व्यापारिक संस्थाएँ एवं पेशेवर व्यक्ति अपनी आवश्यकतानुसार लेखा पुस्तकें रखते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख पुस्तकें निम्नानुसार हैं -


1. रोकड़ पुस्तकें - रोकड़ पद्धति के अन्तर्गत रखी जाने वाली यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण पुस्तक है। इसमें प्रतिदिन होने वाले रोक संबंधी व्यवहारों का तिथिवार लेखा किया जाता है। इस रोकड़ बही तथा व्यापारी द्वारा रखी जाने वाली रोकड़ बही में कोई अन्तर नहीं होता है। समस्त प्राप्तियों एवं भुगतानों तथा उधार में प्राप्तियों एवं भुगतान का लेखा इस बही में किया जाता है तथा आवश्यकतानुसार मासिक रोकड़ बही के आधार पर सारांश निकालकर निश्चित अवधि के लिए प्राप्ति एवं भुगतान खाता बना लिया जाता है।


2. व्यक्तिगत खाता-बही - विभिन्न साधनों से प्राप्त आयों से पृथक्-पृथक् लेखांकन के लिए इन बहियों का उपयोग किया जाता है। सार्वजनिक संस्थाओं में सदस्यों का रजिस्टर पृथक् रखा जाता है। जिसमें सदस्यों द्वारा प्राप्त चन्दों का विस्तृत विवरण होता है। इसी प्रकार सदस्यों से प्राप्त फीस के लिए भी पृथक रजिस्टर रखा जाता है। इन रजिस्टरों से सदस्यों द्वारा प्राप्त चन्दों एवं शुल्कों (Fees) को विस्तृत जानकारी मिल जाती है।


3. स्टॉक रजिस्टर - इस रजिस्टर में संस्था द्वारा क्रय एवं विक्रय किये गये संपत्तियों का विस्तृत विवरण लिखा जाता है। इसी प्रकार यदि कोई संपत्ति नष्ट हो जाती है या उपयोग में आ जाती है, तो उसकी प्रविष्टि इस रजिस्टर में कर संपत्ति खाता बंद कर दिया जाता है।


4. स्मरण पुस्तिका - उधार व्यवहारों एवं लेन-देनों को याद रखने के लिए इनका लेखा स्मरण पुस्तिका में किया जाता है और जब इन व्यवहारों का भुगतान हो जाता है, तो वहाँ में तत्सम्बन्धी लेखा काट दिया लेखा है। ये सभी बहियाँ गैर-व्यापारिक संस्थाएँ एवं पेशेवर सभी रखते हैं। 


5. वेतन एवं मजदूरी बही - संस्था से संबंधित वेतन भोगी कर्मचारियों तथा मजदूरों को भुगतान का लेखांकन इस बही में किया जाता है। 


6 विनियोग रजिस्टर - इस रजिस्टर से संस्था या पेशेवर व्यक्ति के द्वारा विभिन्न, शासकीय, अर्द्ध-शासकीय अथवा सार्वजनिक संस्थाओं में किये गये विनियोगों का विवरण इस रजिस्टर में लिखा जाता है।


7. अन्य रजिस्टर - इसके अतिरिक्त संस्था या व्यक्ति के कार्य व्यवहारों के अनुसार, प्राप्तियों एवं भुगतानों की समुचित जानकारी लिखने के लिए आवश्यकतानुसार पृथक् रजिस्टर रखा जाता है।


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