भारत में पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य | Objectives of five year plan in India in hindi

पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य  


भारत में पंचवर्षीय योजनाओं के सामान्य तथा प्रमुख उद्देश्य -


1 आर्थिक विकास की उच्च दर को प्राप्ति 

2. आय एवं धन की असमानता को कम करना 

3. पूर्ण रोजगार की प्राप्ति

4. आर्थिक आत्मनिर्भरता की प्राप्ति 

5. क्षेत्रीय असमानता को कम करना 

6. गरीबी का उन्मूलन

7. अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों का आधुनिकीकरण 

8. अर्थव्यवस्था की आधारभूत कमियों को दूर करना

9. समाजवादी ढाँचे पर समाज की स्थापना

10. सुदृढ़ सुरक्षा प्रबन्धन रहे हैं


फिर भी देश की परिस्थितियों को देखते हुए विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं में अलग-अलग उद्देश्य निर्धारित किये गये थे। इनका विस्तार से विवेचन नीचे किया गया है


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पंचवर्षीय योजना के जनक 


पंचवर्षीय योजना के जनक जोसेफ स्टालिन हैं। जिन्होंने 1928 में सोवियत संघ में पहली पंचवर्षीय योजना को लागू किया।


भारत में पंचवर्षीय योजना के जनक


भारत में पंचवर्षीय योजना के जनक भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी थेजिन्होंने पंचवर्षीय योजना की नींव अप्रैल, 1951 राखी थी।


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पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य


1. प्रथम पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य


अवधि - प्रथम पंचवर्षीय योजना की समय अवधि । अप्रैल, 1951 से 31 मार्च, 1956 थी।


उद्देश्य - प्रथम पंचवर्षीय योजना के प्रमुख रूप से दो उद्देश्य थे 


1. द्वितीय महायुद्ध एवं देश के विभाजन से उत्पन्न आर्थिक असमानताओं को दूर करना।

2. बहुमुखी संतुलित विकास के विवरण तैयार करना, जिससे राष्ट्रीय आय में वृद्धि हो तथा लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो सके।


अन्य उद्देश्य -


1. शरणार्थियों का पुनर्वास करना 

2. खाद्य समस्या एवं कच्चेमाल की कमी को दूर करना, 

3. मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करना तथा 

4. सामाजिक अधोसंरचना, जैसे-सड़क, रेलवे, सिंचाई और शक्ति के साधनों का विकास करना, जिससे भविष्य में तेजी से आर्थिक विकास किया जा सके।



2. द्वितीय पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य


अवधि - द्वितीय पंचवर्षीय योजना की समय अवधि 1 अप्रैल, 1956 से 31 मार्च, 1961 निर्धारित की गयी थी।


उद्देश्य - प्रथम योजना की तुलना में द्वितीय पंचवर्षीय योजना अत्यन्त महत्वाकांक्षी योजना थी तथा ठोस आधार पर तैयार की गई थी। 

1. औद्योगीकरण और 

2. समाजवादी ढाँचे पर समाज की स्थापना।


अन्य उद्देश्य - 


1. लोगों के जीवन स्तर में सुधार करने के लिए राष्ट्रीय आय में 25 प्रतिशत की वृद्धि

2. तीव्र औद्योगीकरण, इसके लिए मूलभूत एवं भारी उद्योगों की स्थापना एवं विकास 

3. रोजगार के अवसरों में महत्वपूर्ण वृद्धि

4. आय एवं धन की असमानता को कम करके आर्थिक शक्तियों का अधिक से अधिक समान वितरण

5. सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना एवं मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण करना।


इस प्रकार, दूसरी पंचवर्षीय योजना में औद्योगिक प्रगति का सुदृढ़ डाँचा स्थापित कर समाजवादी ढाँचे पर समाज की स्थापना करना महत्वपूर्ण उद्देश्य था। 



3. तीसरी पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य


अवधि - तीसरी पंचवर्षीय योजना का सम्बन्ध । अप्रैल, 1961 से 31 मार्च, 1966 तक की अवधि 


उद्देश्य - तीसरी पंचवर्षीय योजना का प्रमुख उद्देश्य संतुलित क्षेत्रीय विकास की प्राप्ति था। इसमें भारी उद्योगों के विकास के माध्यम से कृषि एवं उद्योग दोनों क्षेत्रों का विकास करना था। 


अन्य उद्देश्य - 


1. राष्ट्रीय आय में प्रतिवर्ष 5% की वृद्धि करना तथा पूँजी संरचना इस प्रकार करना, कि आर्थिक वृद्धि की दर अगली योजनाओं में बढ़ती रहे। 

2. खाद्यान्न के उत्पादन में आत्मनिर्भरता की स्थिति को प्राप्त करना तथा उद्योग एवं निर्यात की आवश्यकताओं पूरा को करने के लिए कृषि उत्पादन में वृद्धि करना।

3. आधारभूत उद्योगों, इस्पात, रासायनिक उद्योगों, बिजली, ईंधन शक्ति के साधनों का विकास करना एवं मशीन बनाने की क्षमता का विकास करना, जिससे 10 वर्षों के अन्दर औद्योगीकरण की आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।

4. देश की जनशक्ति का यथासंभव पूरा उपयोग करना और रोजगार के अवसरों में पर्याप्त वृद्धि करना। 

5. आय एवं धन की असमानता को कम करना तथा आर्थिक शक्तियों का समान वितरण ।

6. विकास की तुलना में सुरक्षा पर बल, 1962 के चीनी आक्रमण एवं 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के कारण। इस प्रकार, तीसरी पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था में आत्मनिर्भरता एवं स्वचालित आर्थिक विकास प्राप्त करना था।


तीन वार्षिक योजनाएँ (Three Annual Plans)


अवधि - 1 अप्रैल, 1966 से 31 मार्च, 1969


उददेश्य - 1962 के चीनी आक्रमण और 1965 के पाकिस्तान के साथ युद्ध के कारण आर्थिक नियोजन के लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सके, अत: सरकार ने चौथी योजना स्थगित कर पहले की तीसरी योजनाओं के लक्ष्य को पूरा करना आवश्यक माना। इसलिए 1 अप्रैल, 1966 से 31 मार्च, 1969 तक तीन एक वर्षीय योजनाएँ प्रारम्भ की थीं। 


अन्य उद्देश्य - 


1. युद्ध से उत्पन्न स्थितियों का निराकरण करना।

2. खाद्यान्न के संकट का समाधान करना। 

3. मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करना, और

4. चौथी योजना के लिए आधार तैयार करना।



4. चौथी पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य


अवधि - इस योजना की अवधि 1 अप्रैल, 1969 से 31 मार्च, 1974 तक को थी।


उद्देश्य - चौथी योजना के दो प्रमुख उद्देश्य थे 

1. आर्थिक स्थिरता के साथ विकास और

2. आत्म निर्भरता की प्राप्ति


इसमें कृषि उत्पादन में घट-बढ़ से बचाव के तरीके और विदेशी सहायता सम्बन्धी अनिश्चितता का सामना करने के उपाय सुझाये गये थे।


अन्य उद्देश्य -


1. प्रति वर्ष 5.7% आर्थिक वृद्धि दर की प्राप्ति, कृषि में 5.6% की वृद्धि के साथ। 

2. उद्योग के क्षेत्र में 8 से 10% वार्षिक वृद्धि दर प्राप्त करना।

3. निर्यात में 7% वार्षिक दर से वृद्धि एवं विदेशी सहायता को आधा करना । 

4. शहरी एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अधिक अवसर सृजित करना।

5. क्षेत्रीय असमानताओं को कम करना।

6. विवेकपूर्ण मूल्य नीति को लागू करना।

7. महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील क्षेत्रों में सार्वजनिक नियंत्रण।

8. नीचे से नियोजन पंचायती राज के संस्थानों को स्थानीय एवं जिला स्तर के नियोजन में सक्रिय करना।

9. सामाजिक न्याय की प्राप्ति कमजोर वर्गों के कल्याण के द्वारा 



5. पाँचवीं पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य


अवधि - इस योजना की अवधि 1 अप्रैल, 1974 से 31 मार्च, 1979 निर्धारित की गयी थी, लेकिन जनता पार्टी की सरकार ने इसे 1 वर्ष पहले समाप्त कर छठवीं योजना (1978-1983) लागू की थी, जिसे अनवरत् योजना' (Rolling Plan) का नाम दिया गया था, अतः पाँचवीं योजना की अवधि 1 वर्ष कम होकर 1 अप्रैल, 1974 से 31 मार्च, 1978 तक की थी। 


उद्देश्य - पाँचवीं योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी निवारण एवं आत्मनिर्भरता प्राप्त करना था।


अन्य उद्देश्य -


1. रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना।

2. न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम को लागू करना।

3. कृषि, आधारभूत एवं मूल उद्योगों पर विशेष बल

4. उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन पर बल।

5. आर्थिक, सामाजिक तथा क्षेत्रीय असमानताओं को कम करना। 

6. आयात प्रतिस्थापन एवं निर्यात प्रोत्साहन की नीति को बढ़ावा देना।

7. खाद्यान्नों का भण्डारण तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली का विस्तार।



6. छठवीं पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य


अवधि - इस योजना की अवधि अप्रैल, 1980 से 31 मार्च, 1985 तक थी। जनता लोकदल की सरकार ने वर्ष 1978-83 के लिए छठवीं योजना का प्रारूप तैयार किया था, लेकिन इनकी सरकार गिर जाने के बाद श्रीमती इंदिरा गाँधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार गठित हुई। नई सरकार ने छठवीं योजना (1980 से 1985) की अवधि के लिए तैयार की थी।


उद्देश्य - इसमें संरचनात्मक परिवर्तन के द्वारा ऊँची आर्थिक वृद्धि दर पर बल दिया गया था। 


अन्य उद्देश्य-


1. आर्थिक वृद्धि दर में पर्याप्त वृद्धि करना।

2. आर्थिक एवं तकनीकी आत्मनिर्भरता के लिए आधुनिकीकरण पर बल

3. गरीबी एवं बेरोजगारी में उत्तरोत्तर कमी करना।

4. ऊर्जा क्षेत्र में तीव्र विकास, घरेलू संसाधनों के उपयोग पर विशेष बल 

5. न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रमों के द्वारा लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना।

6. गरीबों के पक्ष में सार्वजनिक नीतियों का निर्माण कर आय एवं धन की असमानता को कम करना।

7. पर्यावरण संरक्षण करना।

8. तकनीकी लाभ के द्वारा क्षेत्रीय असमानता को कम करना। 

9. शिक्षा, संचार एवं संस्थागत नीतियों के माध्यम से विकास प्रक्रिया में सभी वर्ग के लोगों की भागीदारी को बढ़ाना।

10. दीर्घकालीन एवं अल्पकालीन उद्देश्यों के बीच सामंजस्य स्थापित करना।


7. सातवीं पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य


अवधि - इस योजना की अवधि 1 अप्रैल, 1985 से 31 मार्च, 1990 तक थी। 


उद्देश्य - सातवीं योजना में आत्मनिर्भरता की प्राप्ति, कुशलता एवं उत्पादन में वृद्धि के द्वारा विकास, समानता और सामाजिक न्याय पर विशेष बल दिया गया था।


अन्य उद्देश्य -


1. खाद्यान्न के उत्पादन में आत्मनिर्भरता की प्राप्ति तथा तिलहनों, कपास एवं गन्ना जैसे कृषि कच्चे मालों  के उत्पादन में वृद्धि।

2. मानवीय संसाधन का अधिकतम उपयोग करने के लिए उत्पादन रोजगार का सृजन

3. अधः संरचना की कमी को दूर करते हुए कुशलता एवं उत्पादकता में वृद्धि करना। 

4. निर्धनता उन्मूलन एवं आय एवं धन की असमानता को कम करते हुए आर्थिक समानता एवं सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना।

5. जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना तथा न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम के माध्यम से आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए जीवन स्तर में सुधार लाना।

6. शक्ति के साधन एवं सिंचाई संभावनाओं का तेजी से विकास करना।

7. मुद्रास्फीतिक दबावों को नियंत्रित करते हुए स्थिरता के साथ विकास को सुनिश्चित करना। 

8. आत्मनिर्भरता की प्राप्ति- खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता एवं विदेशी सहायता की निर्भरता में निर्यात प्रोत्साहन और आयात प्रतिस्थापन के द्वारा कमी लाना।

9. विकेन्द्रीकृत योजना को लागू करना तथा विकास कार्यों में लोगों की पूर्ण भागीदारी प्रदान करना।


8. आठवीं पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य


अवधि - इस योजना की अवधि अप्रैल, 1992 से 31 मार्च, 1997 तक थी।


उद्देश्य - मानव संसाधन का विकास करना तथा शताब्दी के अन्त तक पूर्ण रोजगार के स्तर को प्राप्त करना 


अन्य उद्देश्य - 


1. रोजगार के पर्याप्त अवसरों का सृजन करना

2. लोगों के सक्रिय सहयोग से जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण 

3. प्राथमिक शिक्षा का सर्वव्यापीकरण एवं 15 से 35 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों की अज्ञानता को समाप्त करना।

4. सुरक्षित पेयजल, पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था करना तथा सिर पर मैला ढोने की प्रथा का अन्त करना। 

5. खाद्यान्नों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए कृषि क्षेत्र की संवृद्धि दर में वृद्धि एवं कृषि का विविधीकरण तथा निर्यात के लिए अतिरेक प्राप्त करना।

6. अधः संरचना (ऊर्जा, परिवहन, संचार, सिंचाई सुविधाओं) को सुदृढ़ करना। 

7. तकनीकी क्षमता में वृद्धि के लिए विज्ञान एवं तकनीकी का निरंतर विकास।

8. विश्वव्यापी विकास के साथ देश की अर्थव्यवस्था को जोड़ने, प्रतिस्पर्धात्मक कुशलता का आधुनिकीकरण ।

9. आर्थिक नियोजन के लिए वित्त की व्यवस्था करने हेतु घरेलू संसाधनों के स्वावलम्बन को बढ़ाना। 


9. नौवीं पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य


अवधि - इस योजना की अवधि अप्रैल, 1977 से 31 मार्च, 2002 तक थी।


उद्देश्य - मानव जीवन की गुणवत्ता में सुधार, उत्पादक रोजगार का निर्माण, क्षेत्रीय संतुलन एवं आत्म-निर्भरता।


अन्य उद्देश्य -


1. स्थिर मूल्यों के साथ आर्थिक वृद्धि की दर को बढ़ाना।

2. उत्पादक रोजगार सृजित करने एवं गरीबी का उन्मूलन करने, कृषि एवं ग्रामीण विकास को प्रमुखता।

3. भोजन एवं पोषण सुरक्षा

4. आधारभूत न्यूनतम सेवाओं की व्यवस्था करना, सुरक्षित पीने के पानी, प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा, प्राथमिक शिक्षा का सर्वव्यापीकरण, आवास की व्यवस्था करना।

5. पर्यावरण सुरक्षा

6. महिलाओं, कमजोर वर्गों एवं अल्पसंख्यकों की स्थिति को शक्तिशाली बनाना।

7. जनसंख्या वृद्धि की दर को कम करना।

8. जनता की भागीदारी को बढ़ावा देना-पंचायती राज, सहकारी समितियों एवं स्वयं सेवी समूहों को बढ़ावा देना।

9. आत्म-निर्भरता के लक्ष्य को सुदृढ़ करना।


10. दसवीं पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य  


अवधि - इस योजना की अवधि 1 अप्रैल, 2002 से 31 मार्च, 2007 तक थी।


उद्देश्य - लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार 


अन्य उद्देश्य - 


1. वार्षिक विकास दर - 8 प्रतिशत वार्षिक दर प्राप्त करना ।


2. जन-कल्याण - 


(i) गरीबी में कमी-2007 तक 20% एवं 2012 तक गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का प्रतिशत घटकर 10% रह जायेगा।

(ii) लाभदायक रोजगार प्रदान करना।

(iii) 2007 तक प्राथमिक शिक्षा का सर्वव्यापीकरण।

(iv) जनसंख्या की दशक वृद्धि दर को घटाकर 2011 तक 16.2% तक लाना।

(v) साक्षरता दर में वृद्धि- 2007 तक 72% एवं 2012 तक 80%। 

(vi) शिशु मृत्यु दर को 2007 तक घटाकर 45 और 2012 तक 28 प्रति हजार जीवित बच्चों तक लाना। 

(vii) मातृत्व मृत्यु दर को 2007 तक 1000 जीवित बच्चों पर 20 तथा 2012 तक 10 लाना।

(viii) वनाच्छादित क्षेत्र को 2007 तक 25% एवं 2012 में 33% तक ले जाना। 

(ix) सभी गाँवों में 2012 तक पीने के पानी की व्यवस्था करना।

(x) सभी प्रदूषित नदियों की स्वच्छता 2007 तक


3. संतुलित क्षेत्रीय विकास


4. विशिष्ट लक्ष्य -


(i) सकल घरेलू उत्पाद में औसत वृद्धि दर 8 प्रतिशत वार्षिक

(ii) सकल विनियोग दर 32.6 प्रतिशत 

(iii) वृद्धि दर पूँजी उत्पाद अनुपात 4.08।

(iv) चालू खाता का घाटा (सकल घरेलू उत्पाद का) 2.8 प्रतिशत

(v) कर राजस्व का प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद में 11.7 प्रतिशत। 

(vi) राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 2.5 प्रतिशत


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