भारत में आर्थिक नियोजन के क्या उद्देश्य है | objectives of economic planning in India in hindi

आर्थिक नियोजन के उद्देश्य 


आर्थिक नियोजन के उद्देश्यों को तीन भागों में बाँटा जा सकता है:-


(अ) आर्थिक उद्देश्य ( Economic Objects)

(ब) सामाजिक उद्देश्य (Social Objects)

(स) राजनीतिक उद्देश्य (Political Objects)



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आर्थिक नियोजन के उद्देश्य

(अ) आर्थिक उद्देश्य ( Economic Objects)


आर्थिक उद्देश्यों में निम्नांकित उद्देश्यों को सम्मिलित किया जा सकता है- 


1. आय का समान वितरण - 


देश में आर्थिक समानता लाने के लिए नियोजन का उद्देश्य आय व धन का पुनर्वितरण करना होता है। धनिकों पर अधिक मात्रा में कर लगाकर प्राप्त राशि को निर्धनों के लाभार्थ व्यय करने के उद्देश्य बनाये जाते हैं।

2. आर्थिक सुरक्षा -


नियोजन को सहायता से उत्पत्ति के विभिन्न साधनों को अधिकाधिक काम की सुविधाएँ दो जाती हैं, जिससे प्रत्येक साधन को अपने परिश्रम का उचित पारिश्रमिक प्राप्त हो सके। 


3. उच्च जीवन -


स्तर जनता को पहले से अच्छे एवं अधिक साधनों की उपलब्धि कराना नियोजन का उद्देश्य रहता है। नियोजन की सहायता से ऐसे प्रयास किये जाते हैं, जिनसे देश की जनता का जीवन स्तर उच्च हो तथा व्यय ऐसे मदों पर किया जाय, जो जीवन स्तर को बढ़ाने में सहायता करें।


4. अधिकतम कल्याण -


नियोजन का यह उद्देश्य होता है, कि देश के आर्थिक साधनों का इस प्रकार उपयोग किया जाय, कि जनता को अधिकतम कल्याण प्राप्त हो सके। 


इसके लिए सरकार द्वारा ऐसे उपाय काम में लाये जाते हैं, जिससे कुछ ही व्यक्तियों के हाथों में आर्थिक शक्ति का केन्द्रीयकरण संभव न हो सके।

5. पिछड़े क्षेत्रों का विकास -


नियोजन का उद्देश्य अल्पविकसित देशों के क्षेत्रों का विकास करना है, जिनसे सम्पूर्ण देश का संतुलित विकास संभव हो सके एवं अधिकतम सामाजिक कल्याण प्राप्त हो सके।


6. अवसर में समानता - 


नियोजन का यह उद्देश्य होता है कि प्रत्येक व्यक्ति को अवसर की समानता दिलाने का प्रयास करे, यद्यपि आय में समानता लाना संभव नहीं है, लेकिन अवसर में समानता दिलाने के सफल प्रयास किये जा सकते हैं।


7. आत्म-निर्भरता की प्राप्ति -


नियोजन का उद्देश्य देश में आत्मनिर्भरता प्राप्ति का होता है और उसी के आधार पर प्रत्येक देश आत्मनिर्भर होने का प्रयास करता है। यद्यपि पूर्ण आत्मनिर्भरता संभव नहीं है, फिर भी नियोजन का लक्ष्य आत्मनिर्भरता की ओर पहुँचने का रहता है। 


8. बेकार पड़े साधनों का उपयोग -


देश के तीव्र आर्थिक विकास के लिए यह आवश्यक होता है कि देश में बेकार पड़े साधनों का पूर्ण उपयोग संभव किया जाय, जिससे उत्पादन में वृद्धि हो सके एवं साधनों अच्छा उपयोग संभव हो सके।


9. आय में समानता -


पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में समाज के विभिन्न व्यक्तियों के बीच आय में समानता पायी जाती है, अत: नियोजन का उद्देश्य विभिन्न वर्गों के व्यक्तियों के बीच की असमानता को दूर करना होता है।


10. पूर्ण रोजगार -


प्रत्येक नियोजन का प्रमुख उद्देश्य देश में पूर्ण रोजगार प्राप्त करना होता है। पूर्ण रोजगार की व्यवस्था से देश के बेकार साधनों का अधिकतम उपयोग होने लगता है तथा उत्पादन में वृद्धि होती है। किसी भी देश को पूर्ण रोजगार की स्थिति प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

(ब) सामाजिक उद्देश्य (Social Objects)


1. सामाजिक सुरक्षा -


आर्थिक नियोजन का उद्देश्य देश में सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था करना है, जिससे श्रमिक अधिक मेहनत व लगन से कार्य कर सकें एवं उत्पादन की वृद्धि में सहयोग दे सकें। सामाजिक सुरक्षा में चिकित्सा व्यवस्था, बेरोजगारी बीमा आश्रितों को लाभ, आदि सम्मिलित रहते हैं।


2. नैतिक-स्तर में वृद्धि - 


आर्थिक नियोजन का उद्देश्य सामाजिक स्तर में वृद्धि करना होता है और इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं मनोरंजन पर धन व्यय करके जनता को सुविधाएँ देकर उसके नैतिक-स्तर में वृद्धि करने के प्रयास किये जाते हैं। 

3. सामाजिक समानता -


सामाजिक समानता, समाजवादी आर्थिक नियोजन का अभिन्न अंग होती है। समाजवादी देशों में आर्थिक एवं सामाजिक समानता पर विशेष बल दिया जाता है, लेकिन जो देश समाजवादी नहीं होते हैं, वे आर्थिक नियोजन के द्वारा समाजवाद की ओर आगे बढ़ते हैं। सामाजिक समानता किसी भी देश के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। 


(स) राजनीतिक उद्देश्य (Political Objects)


1. शांति की स्थापना -


आर्थिक नियोजन का राजनीतिक उद्देश्य देश में आंतरिक शांति एवं व्यवस्था कायम करना भी है। द्वितीय महायुद्ध के पश्चात् यह अनुभव किया गया, कि विश्व के किसी भी क्षेत्र में फैली गरीबी, विश्व शांति के लिए खतरा है, अतः विश्व शांति को बनाये रखने के लिए आज आर्थिक विकास आवश्यक है। रूस, अमेरिका, भारत इस दिशा में प्रयत्नशील हैं।


2. शक्ति प्रसार एवं विदेशों पर आक्रमण -


कुछ देश अपनी शक्ति एवं सत्ता का प्रसार करने के लिए दूसरे देशों पर आक्रमण करते हैं। आक्रमण की तैयारी के लिए आर्थिक नियोजन का सहारा लेते हैं। हिटलर ने अपने साम्राज्य का विस्तार करने के लिए नियोजन को अपनाया था। वर्तमान में चीन दूसरे देशों पर आक्रमण करने के लिए नियोजन का प्रयोग कर रहा है।


3. सुरक्षा - 


आर्थिक नियोजन का प्रमुख उद्देश्य सुरक्षा है। रूस, जर्मनी व चीन की योजनाओं में सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया गया। भारत ने सुरक्षा पर बहुत कम धनराशि व्यय की, लेकिन चीन के आक्रमण के बाद इस मद पर अधिक ध्यान दिया गया और हमारी योजनाएँ सुरक्षा प्रधान बन गयीं।


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