डुबत ऋण संचय
डुबत ऋण संचय | Bad Debts Reserve
आधुनिक व्यापार का आधार उधार या साख है। उधार में विक्रय के बिना व्यापार का विस्तार एवं विकास संभव नहीं है। जिन्हें व्यापार में माल उधार दिया जाता है उन्हें ऋणी या देनदार कहा जाता है।
देनदारों को तीन भागों में विभाजित किया जाता है -
1. प्राप्य ऋण या अच्छे ऋणी - वे ऋणी होते हैं, जिनको आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है तथा जिनसे पूरा भुगतान समय पर प्राप्त होने की आशा रहती है।
2. संदिग्ध ऋण - ये वे ऋणी होते हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ नहीं होती, किन्तु भुगतान समता इतनी खराब भी नहीं होती। ऐसे ऋणी से भुगतान प्राप्ति की सम्भावना तो रहती है पर निश्चित नहीं रहता। ऐसे ऋणियों द्वारा देय राशि के डुबत की सम्भावना रहती है।
3. डुबत ऋण - ऐसे ऋणी जिनके द्वारा देय राशि के प्राप्त होने की सम्भावना नहीं रहती। संदिग्ध ऋणों में से प्रतिवर्ष व्यापारी को कुछ राशि अप्राप्त रहती है या अप्राप्त रहने की सम्भावना रहती है इसलिए व्यापारी द्वारा अंतिम खातों के निर्माण के समय इन संदिग्ध ऋणों के कारण होने वाले आकस्मिक हानि से बचने के लिए व्यावसायिक नियमन के अनुसार, - संदिग्ध ऋण प्रावधान की राशि हस्तांतरित किया जाता है, ताकि अगले वित्तीय वर्ष के अंत में संदिग्ध ऋणों को वसूली न होने की दशा में इस संचय की राशि से उक्त हानि की क्षतिपूर्ति किया जा सके। संदिग्ध ऋण संचिति को राशि को लाभ-हानि खाते के विकलन पक्ष (Debit side) में प्रदर्शित किया जाता है तथा डुबत ऋण संचय की राशि स्थिति विवरण में दिनदारों को राशि से घटाकर लिखी जाएगी।
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