अदत्त व्यय | Outstanding Expenses
वे समस्त व्यय जिनकी सेवाएँ वित्तीय वर्ष में प्राप्त कर ली गयी है, परन्तु जिनका अभी तक भुगतान नहीं किया गया है अदत्त व्यय कहलाते हैं। साधारणतया व्यापार में मजदूरी, किराया, वेतन आदि का भुगतान संबंधित सेवाएँ प्राप्त करने के बाद ही किया जाता है।
अदत्त व्यय |
अदत्त व्ययों का संबंध चूँकि चालू वर्ष से होता है, इसलिए ऐसे व्ययों का लेखा अंतिम खातों में करना आवश्यक होता है, अन्यथा लाभ-हानि खाता तथा आर्थिक चिट्ठा वास्तविक स्थिति को प्रदर्शित नहीं करते।
उदाहरण के लिए 31 दिसम्बर को जब अन्तिम खाते बनाये जाते हैं तथा दिसम्बर माह का किराया एवं ने का भुगतान 1 जनवरी को किया जाता है।
अत: इनकी प्रविष्टि लेखा पुस्तकों में जनवरी माह में किया जाएगा, परन्तु दिसम्बर में सेवाएं प्राप्त की जा चुकि है इसलिए दिसम्बर माह में हो इनका लेखा किया जाना अनिवार्य है।
जितने माह का किराया या वेतन देना बाकी रहता है उसे अदत्त किराया या अदत्त वेतन कहा जाता है।
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