नेटवर्क मार्केटिंग डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस का इतिहास | History of Network Marketing Direct Selling Business in hindi

नेटवर्क मार्केटिंग, डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस का इतिहास | History of Network Marketing, Direct Selling Business in hindi


Network Marketing

 

History Of Direct Selling And Network Marketing In Hindi full
Details दोस्तों आज की इस आर्टिकल में बात करेंगे history of Direct 
Selling and Network Marketing के बारे में, इसमें हम जानेंगे की
डायरेक्ट सेलिंग की शुरुआत कब हुई हैं, डायरेक्ट सेलिंग हिस्ट्री क्या
है और नेटवर्क मार्केटिंग/डायरेक्ट सेलिंग इतिहास और वैश्विक परिप्रेक्ष्य,
नेटवर्क मार्केटिंग/डायरेक्ट सेलिंग भारतीय परिप्रेक्ष्य इस तरह की सभी 
जानकारी इस पोस्ट में मिलने वाले हैं तो चलिए जानते हैं

नेटवर्क मार्केटिंग की अपनी 11 साल की ज़िंदगी में मैंने इसे हर दिन जिया है और मुझे आज तक अमीर बनने का इससे ज्यादा पवित्र, लोकतांत्रिक और सामाजिक विकास करने वाला और कोई तरीका नहीं दिखा है। संयोगवश इंडस्ट्री के बाहर के लोगों के इस बारे में बहुत से विचार हैं, पर जो लोग इस इंडस्ट्री में हैं वो इस बिजनेस को दिल से और सच्चाई से प्यार करते हैं। मैंने यह देखा है कि इस इंडस्ट्री के लोग खुश, सकारात्मक, आशावादी, विकास उन्मुख, कठिन परिश्रम
करने वाले और दूसरों को मदद करने के लिए तैयार रहने वाले हैं।


इस बिजनेस का सबसे बड़ा गुण है इसका यह आधारभूत सिद्धांत कि आप अपने साथी-सहकर्मियों की मदद किए बिना इस बिजनेस को बड़ा नहीं बना सकते। इस बिजनेस में आपका सिर्फ़ एक काम है लोगों के सपनों को पूरा करने में मदद करना।


मैंने यह देखा है कि यह बिजनेस करना आसान है पर बिजनेस को करने का निर्णय
लेना और अपने सपनों को पूरा करने की जद्दोजहद करने के लिए प्रतिबद्ध होना
बहुत कठिन है। पुस्तक के इस भाग में हम नेटवर्क मार्केटिंग इंडस्ट्री के
स्कोप, भविष्य के आंकड़े, इससे मिलने वाले लाभ और बिजनेस के इर्द-गिर्द की
बहुत सारी बातें देखेंगे। आइए मिलकर पता लगाएं कि क्यों लोग इस बिज़नेस की
ओर खिंचे चले आते हैं और कौन-से काम उन्हें सफल या असफल बनाते हैं। इससे
पहले कि हम इस बिजनेस को करने के विज्ञान पर जाएं, चलिए इस बिजनेस को करने
की आधारशिला बनाएं और इसमें सफलता के लिए सही मानसिकता बनाएं।


नेटवर्क मार्केटिंग इंडस्ट्री को विभिन्न एजेंसियां और विभिन्न लोग
डायरेक्ट सेलिंग, व्यक्तिगत फ़्रेंचाइज़िंग एवं कंज्यूमर डिस्ट्रीब्यूशन
सिस्टम भी कहते हैं। इस प्रणाली में उत्पादों या सेवाओं का डिस्ट्रीब्यूशन
उपभोक्ताओं के नेटवर्क के जरिए होता है। इसमें


जब उपभोक्ता उत्पाद का इस्तेमाल कर संतुष्ट हो जाता है तो वह अन्य लोगों
को भी इसे प्रयोग करने की सलाह देता है। कुछ लोग उसे सीरियस बिजनेस के रूप
में लेकर डिस्ट्रीब्यूटर बनकर काम करना शुरू कर देते हैं, जबकि दूसरे
उपभोक्ता ही बने रहते हैं।


नेटवर्क मार्केटिंग / डायरेक्ट सेलिंग हिस्ट्री और ग्लोबल पर्सपेक्टिव |
Network Marketing / Direct Selling History and Global
Perspective 


नेटवर्क मार्केटिंग या डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस अमेरिका में करीब सन् 1930
में शुरू हुआ और अपने विभिन्न गुणों एवं लाभ के कारण धीरे-धीरे सारे संसार
में फैल गया। FICCI ने 5 दिसम्बर 2017 को 'ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस इन इंडिया'
नामक एक रिपोर्ट पेश की थी जिसमें बताया गया है कि विश्व भर में डायरेक्ट
सेलिंग इंडस्ट्री ने वर्ष 2016 में 18,356 करोड़ अमेरिकी डॉलर का कारोबार
किया और पूरे विश्व में करीब 10.7 करोड़ डायरेक्ट विक्रेताओं को पार्ट टाइम
रोजगार दिया।


दुनिया के 10 प्रमुख देश जहाँ डायरेक्ट सेलिंग का कारोबार सबसे ज़्यादा
होता है अमेरिका, चीन, जापान, कोरिया, ब्राजील, जर्मनी, मैक्सिको, फ्रांस,
मलेशिया और यूके हैं दुनिया के कुल डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस का 78% इन देशों
में हुआ है और कुल बिज़नेस का 93% हिस्सा ऊपर के 23 बड़े देशों से आता
है।



नेटवर्क मार्केटिंग का इतिहास / Direct बेचना | History of Network
Marketing / Direct Selling 


भारत में डायरेक्ट सेलिंग कई सैकड़ों सालों से चल रहा है और आज भी चालू है।
हमारी जानकारी के अनुसार डायरेक्ट सेलिंग नेटवर्क मार्केटिंग का आधुनिक
प्रारूप भारत में करीब 80 के दशक के बीच में शुरू हुआ था। कुछ बड़े
अंतरराष्ट्रीय प्लेयर्स भारतीय मार्केट में नब्बे के दशक में आए इंडस्ट्री
धीरे-धीरे बढ़ती रही और साथ ही कई अवैध पिरामिड स्कीम्स इस बीच इंडस्ट्री
का लाभ पाने के लिए मशरूम की तरह उभरती गई, जिससे इंडस्ट्री का नाम खराब
हुआ।


पिछले कुछ सालों में बहुत-सी इंडस्ट्री बॉडी और सरकारी एजेंसियों ने मिलकर
एक सकारात्मक माहौल पैदा करने की और एक मजबूत रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाने की
कोशिश की ताकि भारत में इस इंडस्ट्री को अपार वृद्धि मिले। FICCI इस संदर्भ
में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और इस इंडस्ट्री से संबंधित कई
रिपोर्ट्स FICCI की वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं। सरकार ने वर्ष 2016 में
डायरेक्ट सेलिंग को लेकर गाइडलाइन जारी की और तब से इंडस्ट्री को काफी
फायदा हुआ है। FICCI और केपीएमजी (KPMG) के हाल-फिलहाल की रिपोर्ट से पता
चलता है कि डायरेक्ट सेलिंग में रिटेल सेल्स वर्ष 2025 तक करीब 64,500
करोड़ रुपये तक पहुँच जाएगी और इससे


करीब 1.8 करोड़ भारतीयों को स्वरोजगार मिलेगा, जिसमें 60 फीसदी महिलाएँ
होंगी। भारत में नेटवर्क मार्केटिंग इंडस्ट्री का स्वर्ण युग अभी शुरू हुआ
है और इसमें सभी लोगों के लिए काफ़ी अवसर हैं।





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